पुलिस की नींद उड़ाने वाले सुपारी कि’लर जटहा सिंह की अदावत में दूसरे ने ले ली सु’पारी ; कर दिया काम तमाम

पुलिस की नींद उड़ाने वाले सुपारी कि’लर जटहा सिंह की अदावत में दूसरे ने ले ली सु’पारी ; कर दिया काम तमाम

PATNA DESK – पटना पुलिस की नींद उड़ाने वाले कुख्यात सुपारी कलर की अदावत में दूसरे ने ले ली सुपारी और उसका काम तमाम कर दिया. उसका शव पटना के नौबतपुर के बधार से बरामद किया गया है. वहीं घटनास्थल से पुलिस ने एक एसयूवी कार बरामद किया है. जिसके अंदर खून फैला हुआ है. जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि कार में ही उसकी गोली मारकर हत्या की गई है. मृतक शत्रुघ्न कुमार उर्फ जटहा सिंह नौबतपुर का रहनेवाला है. अपराधियों ने जटहा सिंह की हत्या कर शव को बधार में फेंक दिया था.

घटना की जानकारी मिलने के बाद नौबतपुर थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार भारद्वाज मौके पर पहुंचकर मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. बता दें कि मृतक जटहा सिंह के ऊपर पटना जिले के नौबतपुर के अलावा अन्य कई थानों में कई आपराधिक मामले दर्ज थे. हालांकि हत्या के पीछे के कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. संभावना जताई जा रही है कि भूमाफियाओं के द्वारा ही उसके नाम की सुपारी देकर उसे मौत की नींद सुलाया गया है. क्योंकि वह भू माफिया से भी रंगदारी वसूलने लगा था. नौबतपुर बाज़ार के कारोबारियों में जटहा का भय व्याप्त था.

हाल ही में एक होटल में खाने के दौरान उसने गोलीबारी कर दिया था. इन दिनों ज़मीन कारोबारियों से रंगदारी वसूली करता था और जो नही देते थे उसका विरोध करता था. हालांकि परिजन कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. बीते रात्रि नौबतपुर के चेसी गांव में किसी के जन्मदिन पार्टी के लिए जटहा को घर से बुलाया गया था और उसकी हत्या कर उसके शव को उसके गांव शेखपुरा में अपराधियों ने फेंक दिय़ा और फरार हो गये थे.

इलाके का डॉन बनने की चाहत में हो गया गोलियों का शिकार

बता दें कुख्यात मुचकुंद के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद जटहा ने इलाके में अपना पैर पसरना शुरू कर दिया. मुचकुंद के मारे जाने के बाद जटहा ने गिरोह को एक्टिव करना शुरू किया. इलाके में अपना दबदबा बनाने के लिए जटहा ने एक कंस्ट्रक्शन कंपनी से रंगदारी की मांग की. नौबतपुर में कोचिंग संचालक पर फिरौती के लिए फायरिंग जैसे वारदातों को अंजाम देकर जटहा खुद की इलाके में माफिया वाली पहचान बनाने में जुट गया. सूत्रों की माने तो जटहा पटना इलाके में वारदात को अंजाम देने के बाद आरा में जाकर छिप जाता था. बताने वाले तो यहां तक बताते हैं कि जटहा ने आरा को अपना बेस कैंप बना लिया था और वो वहीं से अपने गिरोह को कंट्रोल करता था.


कुख्यात रणजीत चौधरी और मुचकुंद के गिरोह से जटहा की अदावत पुरानी है.

कुख्यात रंजीत चौधरी के जेल जाने के बाद पूरे गिरोह के कमान मुचकुंद ने संभाल ली और अपराध की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ते हुए वो 50 हजार का इनामी बदमाश भी बन गया. मुचकुंद का इलाके में दबदबा बढ़ता जा रहा था. इस बीच जटहा अपने गिरोह को नए सिरे खड़ा करने में जुटा था. क्योंकि जटहा जनता था कि कुख्यात रंजीत चौधरी से सीधे टक्कर नहीं लिया जा सकता.

लेकिन इस बार वक्त ने जटहा की ओर करवट ली, रंजीत चौधरी जेल चला गया और कुख्यात मुचकुंद मुठभेड़ में मारा गया. जटहा के लिए यह मौका सबसे सटीक था खुद को इलाके का डॉन साबित करने के लिए. रंजीत चौधरी का शार्प शूटर प्रकाश चौधरी और नीरज नेपाली जटहा के गिरोह में शामिल हो गए. जटहा को इससे काफी बल मिला और जटहा ने ताबड़तोड़ वारदात को अंजाम देना शुरू कर दिया. पुलिस के लिए सिर दर्द बना जटहा को पुलिस किसी भी हाल में गिरफ्तार कर लेना चाहती थी.

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