CHHAPRA DESK – सारण में पटाखा छोड़ने वालों को भी इन जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करना अनिवार्य किया गया है. वहीं जिले में बिना अनुज्ञप्ति के अवैध पटाखा निर्माण, भंडारण एवं बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है. इस बाबत सारण जिलाधिकारी अमन समीर के द्वारा बताया गया कि असुरक्षित तथा अवैध पटाखों के निर्माण एवं बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा. बताया गया कि जहां अवैध पटाखों के निर्माण और भण्डारण किया जाता है, वहां विस्फोट होने की व्यापक संभावना होती है. जिसके कारण जान-माल की क्षति होती है.
दीपावली और छठ के त्योहार के अवसर पर पटाखों का निर्माण, बिक्री एवं भंडारण पर जिला प्रशासन की पैनी नजर रहेगी. जानमाल की सुरक्षा एवं प्रदूषण के मद्देनजर अवैध पटाखों के निर्माण एवं बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा. जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि पटाखों की बिक्री केवल अनुज्ञप्तिधारी पटाखा विक्रेताओं द्वारा ही की जा सकती है. उनके द्वारा मात्र वैसे ही पटाखों की बिक्री की जा सकती है जो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुरूप हो. आतिशबाजी, पटाखा निर्माण इकाईयों एवं पटाखों की बिक्री करने वाले दुकानों को नाम एवं पूरा पता का डिसप्ले बोर्ड लगाना होगा,
जिसपर उनके द्वारा प्राप्त सभी अनुज्ञप्तियों, रजिस्ट्रेशन, निबंधन की सूचना, संख्या, निर्गत की तिथि, वैधता की तिथि एवं संबंधित अग्निशमन सेवा कार्यालय तथा संबंधित थाना का फोन, मोबाईल नम्बर के साय अंकित करना होगा. उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली द्वारा दिनांक 29/10/2021 को पारित आदेशानुसार दीपावली, छठ एवं अन्य त्योहारों के दौरान वायु, ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण हेतु अधिक शोर, वायु प्रदूषण एवं अपशिष्ट जनन करने वाले लड़ी, सीरिज वाले पटाखों के निर्माण, उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है.
जनहित में यह निर्देश जारी कर दिया गया है कि पटाखों की खरीदारी अनुज्ञप्तिधारी पटाखा विक्रेताओं से ही की जाये. शांत क्षेत्र यथा-अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान, न्यायालय, जैविक उद्यान, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन आदि के एक सौ मीटर के दायरे में शोर उत्पन्न करनेवाले किसी भी प्रकार के पटाखों का विक्री एवं उपयोग वर्जित है. बताया गया कि विस्फोटक अधिनियम 1884 की धारा-5 का उल्लंघन करने अर्थात बिना अनुज्ञप्ति के किसी पटाखा, विस्फोटक का निर्माण, आयात एवं निर्यात करना दण्डनीय अपराध है, जिसके तहत तीन वर्षों के कारावास की सजा एवं जुर्माना से दंडित किए जाने का प्रावधान है.
जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि पटाखों का उपयोग रात्रि 08:00 बजे से 10:00 तक ही किया जा सकेगा. पटाखों को कभी भी कैण्डील एवं दीया के नजदीक नही छोड़े. हाथ में पटाखें न जलाया जाये एवं पटाखा दूर से ही उपयोग करें. बिजली के खंभा एवं तार के आस-पास पटाखें नहीं छोड़े. यदि पटाखों को फटने में अधिक समय लगता है तो उसके साथ छेड़-छाड़ न करें. बच्चों द्वारा पटाखा छोड़ते समय उस पर विशेष निगरानी रखे, ताकि कोई दुर्घटना नहीं हो.