CHHAPRA DESK – विश्व विख्यात हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में शनिवार की सुबह से ग्रहण-सा लग गया. दिन चढने तक मेला की सभी दुकानें बंद ही रही. जिसके बाद विभिन्न मुद्दों पर स्थानीय प्रशासन से वार्ता के बाद मेला दोपहड़ के 2 बजे से चालू हुआ. मेला खुलते ही दर्शको की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. सभी दुकानें, झूले, प्रदर्शनी, होटल व थियेटर खुल गये. बताते चलें कि खेल तमाशों तथा थियेटरों एवं यातायात की सख्ती आदि से मेला संचालक व मेले में आये दुकानदार आक्रोशित थे जिसको लेकर उनके द्वारा बीते शुक्रवार को सोनपुर के चिड़िया मठ में बैठक की थी.
बैठक में लिए गए निर्णय पर स्थानीय प्रशासन के रवैये के विरोध में हरिहर क्षेत्र मेला अनिश्चित काल के लिए बंद रखने का निर्णय लिया गया था. परिणाम स्वरूप शनिवार की सुबह से ही केवल सरकारी प्रदर्शनियों को छोड़ कर संपूर्ण मेला बंद हो गया. मेला देखने पहुंचे मेलार्थियों में मायूसी छा गई और वे वापस लौटने लगे. इस स्थिति की सूचना मिलते ही प्रशासन में खलबली मच गयी. जिसके बाद स्थानीय गणमान्य लोगों तथा मेला दूकानदारों के साथ एसडीओ कुमार निशांत विवेक की बैठक हुई.बैठक के दौरान शिष्ट मंडल ने मेला से संबंधित मुद्दों का एक ज्ञापन उन्हें सौंपा.
जिसमें लाइसेंस को लेकर एक हफ्ते की हुई देरी की क्षतिपूर्ति के लिए सरकारी मेला समापन के बाद थिएटर को एक सप्ताह तक बढ़ाये जाने की मांग, मौत का कुआं तथा झूला को मेला बाद भी चलने देने की अनुमति, व्यापारियों के माल वाहन को एक निश्चित समय पर मेला में प्रवेश की अनुमति देने, स्थानीय नागरिकों के आने जाने पर रोक को हटाने की मांग आदि शामिल था. वहीं भाजपा प्रदेश बुद्धिजीवी मंच के कार्यकारिणी सदस्य विनोद सिंह सम्राट ने बताया कि अधिकांश मांगों पर सहमति बन गई है और मेला सुचारू रूप से चलने लगा है. बैठक में अधिवक्ता नवल कुमार सिंह, अवधेश सिंह, अजय सिंह, रेलवे ठेकेदार मुन्ना सिंह, ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, टुनटुन शर्मा, नंद सिंह, डॉ आशुतोष कुमार, रितेश, शेखू सिंह, टुनटुन सिंह, रणधीर कुमार सिंह, गब्बर सिंह, सोना सिंह, शंभू राय, गणेश सिंह तथा कृष्ण सिंह शामिल थे.
एसडीओ ने क्या कहा
एसडीओ कुमार निशांत विवेक ने इस संबंध में बताया कि थिएटर को 7 दिन का लाइसेंस एक साथ ही निर्गत कर दिया गया है. आगे भी उन्हें एक-एक हफ्ते का ही लाइसेंस दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों की प्रशासन से कम्युनिकेशन नहीं होने के कारण प्रशासन के प्रति कुछ गलतफहमियां पैदा हो गई थी. बातचीत के दौरान उन गलतफहमियों को दूर कर लिया गया है.