CHHAPRA DESK – बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर के तैल चित्र कुलपति प्रोफेसर परमेन्द्र कुमार बाजपेई एवं पदाधिकारियों, शिक्षकों एवं सभी आगन्तुकों के द्वारा पुष्प अर्पित किया गया. तत्पश्चात विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर विश्वामित्र पाण्डेय ने अपने उद्बोधन मे कहा कि बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर ने समाज के वंचितों एवं शोषितों के उत्थान के लिए लगातार प्रयास किया,जिसके परिणामस्वरूप आज की सामाजिक व्यवस्था उन्नति की ओर अग्रसर है.
दूसरे वक्ता प्रोफेसर अजीत कुमार तिवारी ने बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर के अर्थशास्त्रीय योग्यता एवं देश के विकास में महत्वपूर्ण निर्णयों को लेने में उनके योगदान पर ध्यान आकृष्ट किया.विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकाय के संकायाध्यक्ष प्रोफेसर कृष्ण कुमार ने समाजिक विषमताओं के विरुद्ध प्रभावकारी निर्णय लेने तथा सामाजिक समरसता कायम करने वाले भारत रत्न बाबासाहब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर कोटि कोटि नमन किया.
माननीय कुलपतिमहोदय ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि सिर्फ उनके सामाजिक ताने बाने को संतुलित करने हेतु किये गये प्रयासों तक ही उनके व्यक्तित्व को सीमित करने की जरूरत नहीं है बल्कि इसके अतिरिक्त भी समाज में बिना किसी तरह की बिद्रूपता लाये सामाजिक न्याय की व्यवस्था के संदर्भ में उनके दूरदर्शी विचारों को जानने एवं समझने की आवश्यकता है. मंच संचालन प्रोफेसर हरिश्चंद्र समायोजक महाविद्यालय विकास परिषद ने किया.