CHHAPRA DESK – पटना के एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के फिल्म, मीडिया एवं पत्रकारिता के टेक्नीकल सेशन में गोपालगंज स्थित कमला राय महाविद्यालय के हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ श्याम शरण ने अपना शोध-आलेख प्रस्तुत किया. इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का थीम था – DIGITAL INDIA : THE ROAD AHEAD. डॉ शरण के शोध-आलेख का विषय था “पत्रकारिता : कल, आज और कल”. इस शोध-आलेख में इन्होंने बताया कि मीडिया को समाज में जागरूकता पैदा करने वाले एक साधन के रूप में देखा जाता है, जो लोगों को सही व गलत तय करने की दिशा में एक प्रेरक का कार्य करता है. जहां कहीं भी अन्याय है, शोषण है, अत्याचार , भ्रष्टाचार और छलावा है, उसे जनहित में उजागर करना पत्रकारिता का मर्म और धर्म है.
डॉ शरण ने पूर्व प्रधान मंत्री और यशस्वी पत्रकार स्व अटल बिहारी वाजपेयी की टिप्पणी को याद दिलाते हुए कहा कि – पत्रकारिता पहले मिशन थी, फिर प्रोफेशन हुई, अब सेंसेशन हो गई है. उन्होंने जानकारी दी कि मीडिया अब दो हिस्सों में विभाजित है. एक तरफ एक संगठित उद्योग में बदल चुका मीडिया है. जिसमें अखबार, पत्रिकाएं और टेलीविजन न्यूज चैनलों का पूरा कारोबार शामिल हैं. दूसरी तरफ डिजिटल और सोशल मीडिया का वह विस्तृत संसार है, जो स्वच्छंदता और अराजकता की स्थिति तक स्वतंत्र है. इसका प्रसार दिन-दूनी, रात चौगुनी गति से हो रहा है और महानगरों से लेकर दूर- दराज इलाकों तक जहान भी इंटरनेट की पहुंच है, वहां मीडिया सुलभ हैं. खासकर युवा पीढ़ी के बीच डिजिटल और सोशल मीडिया बेहद लोकप्रिय है.
इसके लोकप्रिय एवं शक्तिशाली होने का मुख्य कारण इसका बेहद ही लोकतांत्रिक होना है. सोशल मीडिया सही मायनों में जनता की जनता द्वारा जनता के लिए की जाने वाली पत्रकारिता है. भारतीय मीडिया को अपने इन्हीं दोनों स्वरूपों के बीच से अपने भविष्य की राह निकालनी है. आज मीडिया की भूमिका पूरी तरह से बदल गई है. लेकिन यह बदलाव सकारात्मक न होकर नकारात्मकता की दिशा में ज्यादा बढ़ रहा है. आज राष्ट्र की जगह पर मीडिया के लिए अर्थ ( टी॰आर॰पी॰) सर्वोपरि हो गया है. यह एक चिंता का विषय है, जिसको लेकर हमारे देश, समाज और सरकार को गंभीर रूप से चिंता करनी चाहिए.
डॉ शरण ने निष्कर्ष रूप में कहा कि – पत्रकारिता के लिए एक ऐसे निर्मम मंच की आवश्यकता महसूस होने लगी है जो उसे पत्रकारिता के सिद्धांतों, मूल्यों और सरोकारों से जुड़े रहने की प्रेरणा दे. पतनोन्मुख प्रवृतियों पर उंगली उठाये और नैतिक दबाव भी बनाये. इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के टेक्निकल सेशन की चेयर पर्सन डॉ अनन्या राय ने कहा कि डॉ श्याम शरण का शोध-आलेख पत्रकारिता : कल,आज और कल इस सेशन का सर्वश्रेष्ठ समसामायिक शोध- आलेख है.
इस समसामयिक शोध- आलेख के प्रस्तुतिकरण से डॉ श्याम शरण ने जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा बिहार का मान बढ़ाने के साथ ही अपने गृह जिला छपरा एवं गोपालगंज जिले का मान – सम्मान बढ़ाने का कार्य किया है. विदित हो कि डॉ श्याम शरण सारण जिला के मढ़ौरा प्रखण्ड के अगहरा पंचायत के अगहरा गांव के मूल निवासी हैं. ये पत्रकारिता एवं जनसंचार से स्नातकोत्तर, एम फिल, पीएचडी के साथ- साथ यूजीसी नेट परीक्षा भी उत्तीर्ण है. ये जनसंचार एवं हिन्दी पुस्तक के साथ अन्य तीन पुस्तकों के लेखक भी है.