CHHAPRA DESK – जमीन खरीद बिक्री में बेचने वाले की जमाबंदी अनिवार्यता के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में बीते 24 सितम्बर की सुनवाई टल जाने से फिलहाल राहत मिली है. सुनवाई टलने से जमीन की रजिस्ट्री पहले की तरह ही जारी रहेगी. जमाबंदी मामले में अब सुप्रीम कोर्ट 15 अक्टूबर को अगली सुनवाई करेगी तबतक जमीन की रजिस्ट्री पहले के नियम के अनुसार जारी रहेगी. बता दे कि बिहार सरकार ने फरवरी 2024 जमीन की रजिस्ट्री में जमाबंदी को अनिवार्य कर दिया था. इसके बाद से जमीन की रजिस्ट्री में समस्या बढ़ गई थी। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था, बीते 21 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय पर रोक लगा दी थी. इसी मामले नें बीते सुनवाई मंगलवार 24 सितम्बर को सुनवाई निर्धारित थी. लेकिन उह मामला लिस्टिंग पर नहीं आने से सुनवाई टल गई और अगली तारीख दे दी गई है. बता दे कि राज्य सरकार ने जमीन विवाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए जमीन निबंधन के लिए विक्रेता के नाम से संबंधित प्लाट की जमाबंदी को अनिवार्य कर दी थी. इसके बाद से जमीन रजिस्ट्री की संख्या थम सी गई थी.
जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को बदल रही है सरकार
बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को सरकार बदल रही है। निबंधन को सरल और पारदर्शी बनाने को लेकर सरकार पुरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर रही है. फिलहाल पटना सहित 16 निबंधन कार्यालयों में ई-निबंधन को लागू कर दिया गया है. राज्य के सभी 136 निबंधन कार्यालयों को ई-निबंधन सॉफ्टवेयर से जोड़ने का कार्य प्रक्रियाधीन है. ऐसा होने के बाद सभी निबंधन कार्यालय में ई-निबंधन सॉफ्टवेयर से ही निबंधन होगा. इस साल के अंत तक सभी निबंधन कार्यालय को इससे जोड़ दिया जाएगा ऐसी संभावना है. इस नए सॉफ्टवेयर से लोग घर बैठे ऑनलाइन निबंधन के लिए आवेदन कर सकेंगे. इसमें आवेदक निबंधन शुल्क को भी ऑनलाइन जमा कर सकेंगे। भूमि की खरीद-बिक्री के लिए क्रेता- विक्रेता को सिर्फ एक बार फोटो और फिंगर प्रिंट के लिए निबंधन कार्यालय आना होगा. पहले जहां पूरा दिन लग जाता था अब घंटे दो घंटे में लोग फ्री हो जाएगे.
पांच में ट्रायल के तहत किया गया था ऑनलाइन
पहले चरण में 29 जुलाई को पांच निबंधन कार्यालय जहानाबाद, दानापुर, पटना सिटी, फतुहा एवं बिहटा में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ई-निबंधन साफ्टवेयर से ऑनलाइन रजिस्ट्री की शुरुआत की गई थी. दूसरे चरण में नौ सितंबर से 11 दुसरे निबंधन कार्यालय अरवल, बिक्रम, फुलवारीशरीफ, मसौढ़ी, संपतचक, बाढ़, रजौली, पातेपुर, कटरा, सोनपुर एवं पीरो में इसे लागू किया गया था. अब सभी जिलों के शेष निबंधन कार्यालयों को अगले महीने या इस साल के अंत तक इस प्रक्रिया से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. जल्दी ही नया सॉफ्टवेयर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सॉफ्टवेयर के साथ एकीकृत होगा. ऐसा होने से रजिस्ट्री के साथ साथ स्वत: दाखिल-खारिज कि प्रक्रिया शुरु हो जाएगी. जमीन खरीदने वाले को रजिस्ट्री के बाद अलग से दाखिल खारिज की प्रक्रिया नहीं करनी होगी.
लोगों को मिलेगा इसका सीधा लाभ
इस प्रक्रिया के शुरु होने के बाद लोगों को बहुत सुविधा मिलेगी। लोग घर बैठे जमीन की खरीद बिक्री के लिए एप पर ऑनलाइन आवेदन करेगे. घर से ही चलान की राशि का ऑनलाइन भुगतान भी करेगे. इसके बाद रजिस्ट्री कार्यालय से तिथि निबंधन की तिथि को निर्धारित कर इन्हे बुलाया जाएगा. इसकी जानकारी आवेदक को उनके ई- मेल पर भी दी जाएगी. निबंधन कार्यालय में फोटो, पहचान, हस्ताक्षर का सत्यापन कर जमीन रजिस्ट्री के कागजात का प्रिंट उपलब्ध करा दिया जाएगा.
कातिब की भूमिका होगी नगण्य
जमीन की खरीद बिक्री में अब तक कातिब की भूमिका ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद नगण्य हो जाएगी. हांलाकि कातिब पहले की तरह निबंधन कार्यालय पर बने रहेगे जो लोगों के लिए सहायक की भूमिका का निर्वहन कर सकते है. इसको छोड़ जमीन के निबंधन में कातिब की भूमिका नही होगी. पूर्व से भी विभाग नें कातिब की भूमिका को कम कर दिया है. अब निबंधन कार्यालय के ऑनलाइन होने के बाद इनकी भूमिका नगण्य रह जाएगी.
जानिए जमीन रजिस्ट्री के नए नियम क्या हैं :-
1, आने वाले दिनों में जमाबंदी धारक ही जमीन बेच सकता है. अगर जमीन पूर्वजों के नाम पर है तो पहले उसे अपने नाम करवाना होगा.
2,जमीन रजिस्ट्री के लिए गवाह की अनिवार्यता खत्म होगी. सिर्फ क्रेता और विक्रेता की उपस्थिति जरूरी होगी.
3, रजिस्ट्री के समय जमीन का सही मूल्यांकन करना अनिवार्य होगा, कम कीमत पर रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी.
4, ऑनलाइन आवेदन और दस्तावेज जमा करने की सुविधा शुरू होगी.
5, रजिस्ट्री के बाद म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) की प्रक्रिया स्वत प्रक्रिया में आ जाएगी.
इन नियमों का उद्देश्य जमीन से जुड़ी विवाद को कम करना, बेनामी संपत्ति पर रोक लगाना और रजिस्ट्री की प्रक्रिया को सरल बनाना है.