CHHAPRA DESK – छपरा शहर के गुदरी बाजार में आजकल उपद्रवियों एवं चोरों का आतंक-सा छा गया है. रात के बाद किसी दुकान का शटर टूट जाता है तो किसी दुकान का ताला. इसके अलावा किसी की दुकान पर लैट्रिन कर दुकान के ताले में भी लपेट दिया जाता है. वहीं ताजा मामला एक टेलर की दुकान का छज्जा तोड़कर उसके रास्ते दुकान में रंग फेंके जाने का मामला सामने आया है. जिसके कारण उस टेलर में दिवाली व छठ के लिए सिले गए कपड़े रंग लगने से बर्बाद हो चुके हैं. ऐसी स्थिति में टेलर मास्टर मो जमील की बेचैनी बढ़ गई है. क्योंकि पर्व बिल्कुल सिर पर है और सिले गए कपड़े बर्बाद होने के बाद ग्राहक अपने कपड़े का पूरा दाम वसूल करेंगे. इस विषय पर उनके द्वारा भगवान बाजार थाना को सूचित किया गया तो उधर से जवाब आया कि कोई चोरी तो हुआ नहीं है.
कपड़ा पट्टी गली के सभी दुकानदार है परेशान
बता दें कि भगवान बाजार थाना क्षेत्र के गुदरी बाजार स्थित कपड़ा पट्टी गली के दुकानदार मो अली, राजमंगल यादव, मोहम्मद अली, मनोज कुमार, कुंदन साह, लालू अंसारी, मोहम्मद अब्दुल्ला सहित दर्जनों दुकानदारों ने बताया कि उपद्रवियों, नशेड़ियों और चोरों ने उन लोगों के नाक में दम कर रखा है. वे लोग रात में घर जाने के बाद दहशत में रह रहे हैं कि सुबह किसके दुकान की स्थिति खराब हो जाएगी. दुकानदारों ने बताया कि पिछले एक पखवाड़े से किसी दुकान के बिजली का तार काट लिया जा रहा है तो किसी का बल्ब निकाल लिया जा रहा है तो किसी दुकान का शटर वा ताला तोड़कर चोरी का प्रयास किया जा रहा है.
और कुछ नहीं हो पा रहा है तो दुकान के अंदर और बाहर मेला फेंक दिया जा रहा है. इसके साथ ही उस गली में सुबह जाने के बाद चिखना और शराब की बोतल और पाउच बिखरा पड़ा मिलता है. बुधवार की रात में मोहम्मद जलील के टेलर के दुकान के शटर से उपर का छज्जा तोड़कर बदमाशों ने उसमें रंग फेंक दिया. जिससे लोगों का सिलने के लिए रखा हुआ दर्जनों कपड़ा खराब हो गया. आक्रोशित दुकानदारों ने बताया कि यह सब घटना पिछले एक पखवाड़े से हो रही है. बाजार के आसपास शाम ढलते ही नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है.
लाखों का टैक्स देने के बाद ना तो सुविधा ना ही सुरक्षा
बता दे कि सारण जिला का गुदरी बाजार ऐसा बाजार है जो प्रतिवर्ष नगर निगम को 25 लाख से अधिक का टैक्स देता है. अकेले सब्जी मंडी 22 से 24 लाख रुपए नगर निगम को देता है. जबकि बाजार के लगभग 500 दुकानदारों के द्वारा भी टैक्स जमा किया जाता है. विरोध कर रहे बाजार वासियों ने यह भी आरोप लगाया कि वह लोग नगर निगम को लाखों का टैक्स देते हैं, जिसके बावजूद सुविधा के नाम पर उन्हें कोई सहूलियत नहीं दी जाती है. कई बार स्थानीय थाना से गश्ती गाड़ी को बाजार के तरफ आने और रुकने का आग्रह किया गया मगर केवल कोरम पूरा होने के कारण चोरों और नशेड़ियों का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है. जिसका परिणाम दुकानदार भुगत रहे हैं.