CHHAPRA DESK – सारण जिलाधिकारी अमन समीर ने आज छपरा नगर निगम तथा इसके समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्र (निगम के संभावित विस्तार वाले क्षेत्र) से वर्षा जल की निकासी हेतु एकीकृत प्रणाली के विकास हेतु दृष्टिकोण पत्र का विमोचन किया. दृष्टिकोण पत्र में मुख्य रूप से जलनिकासी के विभिन्न तथ्यों को संकलित किया गया है. जिसमें बताया गया है कि निगम क्षेत्र से वर्षा जल के 70 प्रतिशत की निकासी उत्तर की ओर तथा शेष 30 प्रतिशत की निकासी रूपगंज होकर दक्षिण की ओर सीधे घाघरा नदी में होती है. संभावित निगम विस्तार वाले क्षेत्र सहित संपूर्ण निगम क्षेत्र के लिए दो प्रधान मुख्य निकासी प्रवाह तंत्र का विकास किया जाना है.
डीएम ने बताया कि सिवान-हाजीपुर रेलखंड के समानांतर 50B नं० ढाला से छपरा ग्रामीण स्टेशन तक आउटफॉल नाला तथा दुधिया पोखर से तेल नदी तक बग्धी नाला का पुनरुद्धार कर ऑउटफॉल नाला के रूप में विकास किया जाएगा. वहीं शेरपुर स्थित वर्त्तमान STP के अतिरिक्त तेल नदी के उत्तरी भाग में एक अतिरिक्त STP का निर्माण करते हुए उनके पोषनीय नालों का विकास, वर्षा जल निकासी के वर्तमान आउटलेट की स्थिति एवं उनके कैचमेंट क्षेत्रों के विवरणी का संकलन किया गया है. मानसून के दौरान सतत जल प्रवाह में अवरोधक अतिक्रमणों की पहचान की गयी है.
वर्षा जल निकास तंत्र को प्रधान मुख्य मुख्य / सहायक नालों के रूप में वर्गीकृत करते हुए व्यवस्थित विकास की योजना को रेखांकित किया गया है. इसके साथ ही तेल नदी के किनारे पारिस्थितिकी रुप से संवेदनशील क्षेत्र अधिसूचित करते हुए रिवर फ्रंट के विकास की योजना को समाहित किया गया है. उक्त दृष्टिकोण पत्र के तथ्यों को जिला पदाधिकारी, पूर्ववर्त्ती एवं वर्तमान नगर आयुक्त, छपरा नगर निगम, महापौर, छपरा नगर निगम के द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान संकलित किए गए तथ्यों,
आम नागरिकों के साथ स्थल-विमर्श के आधार पर तैयार किया गया है. उन्होंने बताया कि विगत 05/07/2024 को सांसद, अन्य जनप्रतिनिधिगण के साथ जिला पदाधिकारी एवं नगर निगम के पदाधिकारियों की आहूत बैठक के दौरान विभिन्न हितधारकों से प्राप्त सुझावों को भी इस डॉक्यूमेंट में निरुपित किया गया है. उक्त अवसर पर उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, नगर आयुक्त, उप नगर आयुक्त एवं नगर प्रबंधक भी मौजूद रहे.