बोरे से बरामद शव की हुई शिनाख्त : अपहरण के बाद हत्या कर लगाया गया था ठिकाने ; 12 दिनों से था लापता

बोरे से बरामद शव की हुई शिनाख्त : अपहरण के बाद हत्या कर लगाया गया था ठिकाने ; 12 दिनों से था लापता

CHHAPRA DESK –  सारण जिले के मशरक थाना क्षेत्र अंतर्गत कर्ण कुदरिया गांव स्थित नहर में बोरे से शव की शिनाख्त कर ली गई है. 12 दिन पहले उसका अपहरण किये जाने के बाद हत्या कर उसके शव को बोरे में भरकर नहर के साइफन में फेंका गया था. मृतक की पहचान जिले के पानापुर थाना क्षेत्र के पकड़ी नरोत्तम सतजोड़ा बाजार निवासी स्वर्गीय नागेंद्र सिंह के 37 वर्षीय पुत्र सुरेश कुमार सिंह उर्फ सतीश सिंह के रूप में की गई है. सूचना के बाद परिवार वाले सदर अस्पताल पहुंचे और शव की शिनाख्त करते ही उनमें कोहराम मच गया. परिवार वालों ने बताया कि शव पुराना होने के कारण भले ही चेहरा और शरीर गलने लगा है लेकिन वह सुरेश सिंह है. क्योंकि उसके शरीर पर पहना गया कपड़ा बेल्ट सब कुछ वही है जो वह घर से पहन कर निकला था.

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सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव की पहचान के बाद उसे परिवार वालों को सुपुर्द किये जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. शव चार से पांच दिन पुराना बताया जा रहा है. जिस कारण शव गलने की स्थिति में आ गया है. ऐसी स्थिति में शव की पहचान नहीं होने के कारण क्षेत्र में सनसनी फैली हुई है. बता दें बीते दिन मशरक थाना क्षेत्र अंतर्गत कि कर्ण कुदरिया गांव स्थित नहर के साइफन से तेज दुर्गंध पर ग्रामीणों के द्वारा स्थानीय चौकीदार को सूचना दी गई. जिस पर पुलिस ने पहुंच नहर के साइफन से एक बोड़े को बाहर निकाला जिसमें से एक व्यक्ति का शव निकला था. शव का पोस्टमार्टम आज सुबह सदर अस्पताल में कराया गया जिसके बाद उसकी पहचान की गई है.

4 अप्रैल को घर से हुआ था लापता

सुरेश सिंह उर्फ सतीश 4 अप्रैल को घर से अपने खेत पर कटनी के लिए गया था. जहां, बार-बार फोन आने के बाद वह घर आया था और पैंट शर्ट पहनकर घर से बाहर निकाला था. लेकिन, रात तक वापस नहीं लौटा. जिसके बाद परिवार वालों ने दो दिनों तक उसकी खोजबीन करने के बाद 6 अप्रैल को उन लोगों के द्वारा पानापुर थाने में उसके गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. लेकिन उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली और बीती रात्रि उसका शव मशरक में नहर से बरामद हुआ. आज अस्पताल में पहचान के दौरान उन्हें पता चला कि सुरेश की अपहरण के बाद हत्या कर शव को बोरे में भरकर में फेंका गया था.

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सूद-ब्याज पर चलता था रुपया ; अपहरण के बाद उसके खाते से निकला है रुपया

बता दें कि सुरेश की पत्नी शिक्षिका थी मौत के बाद जो रुपया मिला था उससे वह खेती-बाड़ी के साथ उन रूपयों को सूद-ब्याज पर भी चलता था और यही उसकी हत्या की वजह बनी. परिवार वालों ने बताया कि 4 अप्रैल को वह घर से निकला था. जिसके बाद उसका अपहरण कर खाते से ऑनलाइन रुपए की निकासी की गई है. जिससे साफ हो रहा है कि फोन कर उसे बुलाया गया है और अपहरण के बाद उसके खाते से पैसे की निकासी की गई है. जिसके बाद उसकी हत्या कर शव को बोरे में भरकर ठिकाने लगाया गया है.

तीन दिनों में निकल गए ₹135300

सुरेश उर्फ सतीश सिंह के शव की बरामदगी के बाद परिवार वालों ने बताया कि 4 अप्रैल को उसका अपहरण किया गया है और क्रमशः 5 अप्रैल, 6 अप्रैल और 7 अप्रैल को उसके खाते से अलग-अलग किस्तों में कुल ₹135300 की ऑनलाइन निकासी की गई है. जिसके बाद उसकी हत्या की गई है. इससे साफ स्पष्ट होता है कि जिसके द्वारा फोन कर उसे बुलाया गया और जिसके खाते में रुपए गए हैं, उन सबकी इस हत्या में संलिप्तता है. पुलिस पहले जांच करती तो उसकी जिंदगी बच सकती थी.

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