CHHAPRA DESK – महागठबंधन के नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के निर्देश पर वोटबंदी के खिलाफ बिहार बंद को लेकर सारण की जनता सड़कों पर उतरी और महागठबंधन के नेताओं कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव आयोग के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. महागठबंधन द्वारा घोषित बिहार बंद के तहत जिला मुख्यालय के दुकानदारों ने स्वतः अपनी दुकाने बंद रखकर समर्थन दिया. जिला के महागठबंधन के नेताओं, कार्यकर्ताओं और विधायकों ने अपने अपने क्षेत्र में बिहार बंद का मोर्चा संभाले रखा. जबकि जिला मुख्यालय में मढ़ोरा के विधायक जितेंद्र राय, महागठबंधन के नेता शैलेंद्र प्रताप, मांझी के विधायक डॉ सत्येंद्र यादव, कांग्रेस जिला अध्यक्ष बच्चू प्रसाद वीरू एवं छपरा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी और राजद नेता सुनील राय आदि ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ शहर में मार्च करते हुए राहुल, तेजस्वी, लालू यादव जिंदाबाद, चुनाव आयोग केंद्र सरकार मुर्दाबाद नारों के साथ प्रदर्शन किया.
इन नेताओं ने केंद्र और चुनाव आयोग की तानाशाही के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए अविलम्ब वोटबंदी का आदेश वापस लिए जाने का पुरजोर मांग किया. बता दें कि इस बार बिहार बंद में राजद द्वारा शांतिपूर्ण तरीके को अपनाया गया। चुनाव आयोग के खिलाफ बिहार बंद को लेकर जिला प्रशासन द्वारा भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया था. हर प्रमुख चौक चौराहा और सड़कों पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी. इस बार बिहार बंदी का मुख्य केंद्र नगर पालिका चौक रहा, महागठबंधन के नेताओं ने नगर पालिका चौक पर जमे रहे. महागठबंधन द्वारा घोषित बिहार बंद को लेकर शहर की व्यावसायिक प्रतिष्ठाने भी स्वतःअपनी-अपनी दुकान और प्रतिष्ठाने बंद रखी, सड़कों पर भी वाहनों का परिचालन आंशिक रहा, इमरजेंसी वाहन को छोड़कर आंशिक रूप से बाइक का परिचालन होते देखा गया. गांधी चौक, मौना चौक, कचहरी स्टेशन, मौना पकड़ी,
कटहरी बाग, कचहरी स्टेशन, नगर पालिका,चौक थाना,चौक हथुआ मार्केट, साहिबगंज सोनार पट्टी,करीमचक खनुआ डाक बंगला रोड, अस्पताल चौक दरोगा राय चौक सहित शहर की अन्य स्थानों की दुकान और व्यावसायिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रही. बिहार बंद का नेतृत कर रहे विधायकों ने बिहार बंद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मढ़ोरा विधायक जितेंद्र राय ने कहा कि इंडिया गठबंधन और ट्रेड यूनियन द्वारा जो बिहार बंद का आयोजन किया गया है, पूरी तरह सफल रहा और जनता ने अपना समर्थन देने का काम किया है. यही कारण है कि शहर की तमाम व्यावसायिक प्रतिष्ठाने स्वतः बंद रखकर चुनाव आयोग के निर्णय का विरोध जताया. विधायक ने अपने संबोधन में कहा कि गरीब और वंचित समाज को वोट से वंचित करने की साजिश है, जिसे जनता भली -भांति समझ रही है.
इनकी मनसा कभी कामयाब नहीं होगी. मांझी विधायक डॉ सत्येंद्र यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनाव आयोग और मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ आज बिहार रखा गया है, यह बंद से प्रतीत हो रहा है कि चुनाव आयोग और सरकार की साजिश है. कमजोर वर्गों को वोट देने से वंचित करने का बड़ा षड्यंत्र है. इसके खिलाफ आज करोड़ों जनता सड़क पर उतरी है. विधायक ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, इस नाते आदेश वापस लेना चाहिए. देश बाबा साहब के संविधान से चलता है, ना की तानाशाही से छपरा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी सुनील राय ने बिहार बंद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नेता के आदेश पर हम लोग आज सड़क पर उतरे हैं, शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं और चुनाव आयोग के खिलाफ विरोध जता रहे हैं. गरीबों और मजदूरों को वोटर लिस्ट नाम काटने की साजिश है,
जिसे वह वोट से वंचित हो सके. आयोग द्वारा जब तक जारी आदेश वापस नहीं लिया जाता है तो आंदोलन जारी रहेगा। बिहार बंद में मुख्य रूप से भूमिका निभाने वालों में महागठबंधन के वरीया नेता शैलेंद्र प्रताप, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष बच्चू प्रसाद वीरू, राजद के प्रीतम यादव, पूर्व जिला अध्यक्ष जिलानी मोबिन,राधे कृष्णा प्रसाद यादव, सागर नौशेरवा, मुखिया वीरेंद्र शाह, अरविंद कुमार राय एवं बलिराम यादव, कांग्रेस नेता डॉ शंकर चौधरी, फिरोज इकबाल तथा सीपीएम के सुरेंद्र सौरव, मुकेश साहनी पार्टी के नेता आदि प्रमुख थे. इस बिहार बंद में महागठबंधन दल में शामिल दलों के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और जनता शामिल थे.