CHHAPRA DESK – निर्वाचक सूची के गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत आज प्रारूप निर्वाचक सूची का प्रकाशन किया गया. इस क्रम में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में राजनीतिक दलों के साथ बैठक का आयोजन किया गया. जिलाधिकारी ने बताया कि आम जनता के अवलोकन हेतु प्रारूप निर्वाचक सूची का प्रकाशन प्रत्येक मतदान केन्द्र, निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी एवं जिला निर्वाचन कार्यालय स्तर पर किया गया है. साथ ही मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार के वेबसाईट पर भी इसे देखा जा सकता है. बैठक में सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों को निर्वाचक सूची की एक हार्ड कॉपी और एक सॉफ्ट कॉपी दो प्रतियां उपलब्ध करायी गयीं. साथ ही निर्वाचक सूची में शामिल नहीं हुए नामों की सूची भी विधानसभा वार हस्तगत की गयीं. जिलाधिकारी ने अनुरोध किया कि अपने स्तर पर विधानसभा वार और एक-एक मतदान केंद्र के स्तर पर निर्वाचक सूची का गहन अवलोकन करना सुनिश्चत करें. ताकि कोई भी योग्य मतदाता छूटे नहीं। इस कार्य में अपने बीएलए को सक्रिय रूप से मदद करने के लिए प्रेरित करें. बैठक में बसपा के मनोज राम, भाजपा के रंजीत कुमार सिंह व उमेश तिवारी, सीपीआईएम के बटेश्वर महतो, कांग्रेस के बच्चू प्रसाद बिरु, जदयू के मो फिरोज, लोजपा के ई कौशल सिंह, रालोसपा के डॉ अशोक कुशवाहा, सीपीआई एमएल के सभा राय, कुणाल कौशिक व दीपंकर कुमार मिश्रा आदि उपस्थित थे.
आगामी एक सितंबर तक दावा आपत्ति का मौका
जिलाधिकारी ने बताया कि आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार आज ही से दावा आपत्ति प्राप्त करने की कार्रवाई प्रारम्भ कर दी गयी है. आगामी एक सितंबर तक की अवधि में दावे आपत्तियों को प्राप्त किया जायेगा. बीएलओ प्रारूप सूची के साथ फिल्ड में निर्वाचक का सत्यापन करेंगे साथ ही राज्य के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के बीएलए के साथ प्रारूप निर्वाचक सूची की जांच करेंगे और किए गये सुधारों आदि की पहचान कर आवश्यक निर्णय हेतु सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी या निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी को सम्प्रेषित करेंगे.
बीएलए दे सकते हैं प्रतिदिन 10 फॉर्म
राजनीतिक दलों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोग ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के बीएलए को आवेदन दाखिल करने की अनुमति दी है. परंतु शर्त है कि कोई भी बीएलए प्रारूप प्रकाशन के बाद प्रतिदिन 10 से अधिक फार्म जमा नहीं करेंगे. बीएलए आवेदन पत्रों की एक सूची इस वचनबद्धता के साथ प्रस्तुत करेंगे कि उनके द्वारा व्यक्तिगत रूप से आवेदन पत्रों की विवरणी का सत्यापन किया गया है और वह संतुष्ट है कि वे सही है.
दावा-आपत्ति अवधि के दौरान की जाने वाली कार्रवाई
कोई भी योग्य पात्र व्यक्ति दावा आपत्ति अवधि के दौरान प्रपत्र-6 के माध्यम से मतदाता सूची में नाम जोड़ने हेतु आवेदन कर सकता है. उक्त आवेदन के साथ आयु संबंधी साक्ष्य, सामान्यता निवासी होने का साक्ष्य एवं एनेक्चर-डी में घोषणा पत्र तथा वांछित दास्तावेज संलग्न करना होगा. किसी भी निर्वाचक का नाम हटाने हेतु वह स्वयं अथवा कोई निर्वाचक प्रपत्र-7 में आपत्ति दर्ज कर सकता है. निवार्चन क्षत्रे के अन्दर या निवार्चन क्षेत्र के बाहर निवास स्थान बदलने, प्रविष्टियों में सुधार या अद्यतीकरण, ईपिक के प्रतिस्थापन और दिव्यांगों को चिह्नित करने के लिए आवेदन प्ररूप-8 में होगा और उस व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा जिससे वह प्रविष्टि संबंधित है. अन्य राज्य से बिहार में स्थानांतरण के मामलों में प्ररूप-8 के साथ नया घोषणा पत्र (एनेक्चर-डी) प्रस्तुत किया जाएगा.
ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों विकल्प
ऑफलाइन के लिए मतदान केन्द्र स्तरीय पदाधिकारी (बीएलओ) से अथवा प्रखंड कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है। जबकि ऑनलाइन के लिए https://voters.eci.gov.in/ पर या ECINet मोबाइल ऐप के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन दाखिल किया जा सकता है.
विशेष कैम्प का किया जाएगा आयोजन
दो अगस्त से दावा आपत्ति के अंतिम तिथि एक सितंबर तक सभी प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय (एइआरओ) तथा शहरी निकाय के सभी कार्यपालक पदाधिकारी के कार्यालय, नगर पंचायत एवं नगर निगम के कार्यालय में विशेष कैंप का आयोजन किया जाएगा. कैंप स्थल पर सभी प्रकार के आवेदन उपलब्ध रहेंगे. योग्य कर्मी ऑफ लाइन आवेदन प्राप्त करेंगे और ऑनलाइन आवेदन करने में सहयोग और तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराएंगे. साथ ही निर्वाचन संबंधी जानकारी या सुझाव के लिए मतदाता हेल्प लाईन के टॉल फ्री नंबर 1950 पर भी संपर्क किया जा सकता है.
पारदर्शिता का रखा जाएगा खास ख्याल
दावा आपत्ति की अवधि के दौरान प्राप्त होने वाले आवेदनों और पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का मैकेनिज्म बनाया गया है. दावों और आपत्तियों की सूची का प्रदर्शन अलग अलग प्रपत्र में प्रदर्शित किया जाएगा. सूची संचयी के बजाय वृद्धिशील होगी. इस उद्देश्य के लिए ईआरओ नियमित अंतराल पर सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलायेंगे और उन्हें दावों और आपत्तियों की सूची सौंपेंगे तथा पावती प्राप्त करेंगे. प्राप्त सभी दावों और आपत्तियों की सूची सीइओ की वेबसाइट पर भी डाली जाएगी ताकि नागरिक भी सूची देख सकें और यदि कोई आपत्ति हो तो संबंधित ईआरओ के पास दर्ज करा सकें. इसीआई नेट के माध्यम से सभी दावों और आपत्तियों की सूची को आप डाउनलोड भी कर सकेंगे.
अपील का प्रावधान
बिना किसी स्पीकिंग ऑर्डर (स्पष्ट आदेश) के ड्राफ्ट मतदाता सूची से कोई भी नाम नहीं हटाया जाएगा. ईआरओ निर्णय से व्यथित कोई व्यक्ति लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 के तहत निर्धारित समय-सीमा के भीतर जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष अपील कर सकता है. जिलाधिकारी के आदेश के 30 दिनों के अंदर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष दूसरी अपील की जा सकती है.