राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता को ले प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों ने जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना ; 13 सितंबर को लगेगा विशेष अदालत

राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता को ले प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों ने जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना ; 13 सितंबर को लगेगा विशेष अदालत

CHHAPRA DESK –  राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देश पर आगामी 13 सितम्बर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए सारण जिले में व्यापक जन-जागरूकता अभियान की शुरुआत कर दी गई है. बुधवार को प्रातः 10 बजे जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सारण के प्रांगण से चार जागरूकता रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार पुनीत कुमार गर्ग, सिवान की प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोतीस कुमार सिंह, गोपालगंज की प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश गीता गुप्ता, परिवार न्यायालय, छपरा सारण के प्रधान न्यायाधीश दीपक कुमार, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम मृत्युंजय कुमार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार सारण के सचिव ब्रजेश कुमार, मुख्य न्याययिक दंडाधिकारी स्वाती सिंह तथा मुख्य लैंड्स सारण पूर्णेन्दु रंजन ने संयुक्त रूप से जागरूकता रथ को रवाना किया.

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कार्यक्रम में जिले के सभी न्यायिक पदाधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अधिकारी-कर्मी, लैंड्स कर्मचारी तथा न्यायमंडल, छपरा के कर्मी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे. जागरूकता रथ जिले के विभिन्न प्रखंडों और सुदूर ग्रामीण इलाकों में भ्रमण कर आमजन को राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व से अवगत कराएंगे. साथ ही लोगों को अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर अपने सुलह योग्य वादों का निपटारा कराने हेतु प्रेरित करेंगे.

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीत कुमार गर्ग ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आमजन के लिए विवाद निपटारे का सबसे सरल और त्वरित मंच है. इसके माध्यम से न केवल लंबित वादों का समाधान संभव है, बल्कि अदालत की कार्यवाही में होने वाली समय और धन की बचत भी होती है. उन्होंने कहा कि यह पहल तभी सफल होगी जब आम लोग उत्साहपूर्वक आगे आएं और अपने वादों को सुलह के माध्यम से समाप्त कर न्याय का लाभ उठाएं.

उन्होंने यह भी बताया कि जागरूकता रथ जिले के कोने-कोने तक जाएगा और ग्रामीणों को लोक अदालत के लाभों के बारे में जागरूक करेगा. इस अवसर पर न्यायाधीशों ने एक स्वर में जनता से अपील की कि वे आगामी 13 सितम्बर को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में बढ़-चढ़कर भाग लें और न्यायिक प्रक्रिया को सरल व सुलभ बनाने में अपनी भूमिका निभाएं.

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