
SIWAN DESK –बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम के बीच निगरानी विभाग ने एक और भ्रष्ट अधिकारी को पकड़ा है. सिवान जिला के सिसवन थाना में पदस्थापित एक दरोगा को चाय की दुकान पर 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए निगरानी की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. इस कार्रवाई के बाद न सिर्फ स्थानीय इलाके में, बल्कि पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. आरोपी दरोगा की पहचान कन्हैया कुमार सिंह के रूप में हुई है, जिन्हें अब पटना ले जाकर पूछताछ की जा रही है. यह पूरा मामला सिसवन पुलिस स्टेशन केस नंबर 309/25 से जुड़ा है.

18 दिसंबर, 2025 को सिसवन पुलिस स्टेशन इलाके में ज़मीन के विवाद को लेकर झगड़ा हुआ. दोनों पक्षों ने फर्स्ट इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (FIR) दर्ज कराई, और जांच सब-इंस्पेक्टर कन्हैया कुमार सिंह को सौंपी गई. आरोप है कि सब-इंस्पेक्टर ने एक महिला आरोपी का नाम केस डायरी से हटाने और मामले में “राहत” देने के बदले 40,000 रुपये की रिश्वत मांगी. लगातार दबाव और कथित धमकियों से परेशान होकर पीड़ित परिवार ने विजिलेंस डिपार्टमेंट में शिकायत दर्ज कराई.

शिकायत के बाद निगरानी विभाग की प्लानिंग
बता दें कि पीड़ित की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए निगरानी विबहग ने पहले शिकायत का सत्यापन कराया. जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद निगरानी थाना में मामला दर्ज किया गया. इसके बाद पटना से निगरानी विभाग की विशेष टीम को सीवान भेजा गया. टीम का नेतृत्व निगरानी डीएसपी विप्लव कुमार कर रहे थे. पूरी कार्रवाई को बेहद गोपनीय तरीके से अंजाम देने की योजना बनाई गई.

निगरानी टीम ने तय किया कि आरोपी दरोगा को रंगे हाथ पकड़ा जाएगा. योजना के तहत पीड़ित को चिह्नित नोटों के साथ दरोगा के पास भेजा गया. आरोपी SI ने सिसवन थाना क्षेत्र के महाराणा चौक स्थित बबलू चाय की दुकान को पैसे लेने की जगह चुनी. जैसे ही दरोगा ने चाय की दुकान पर पीड़ित से 40 हजार रुपये लिए, पहले से घात लगाए निगरानी अधिकारियों ने तुरंत दबिश दी और उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत की पूरी रकम बरामद कर ली गई.

गिरफ्तारी के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप
दरोगा की रंगे हाथ गिरफ्तारी की खबर फैलते ही सिसवन थाना और आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी मच गई. पुलिस विभाग के कई अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक निगरानी टीम आरोपी को अपनी कस्टडी में लेकर रवाना हो चुकी थी. गिरफ्तारी के बाद SI कन्हैया कुमार सिंह को पटना मुख्यालय ले जाया गया है, जहां उनसे विस्तृत पूछताछ की जा रही है. निगरानी विभाग यह भी जांच कर रहा है कि आरोपी दरोगा ने इससे पहले भी ऐसे मामलों में अवैध वसूली तो नहीं की थी. इस कार्रवाई में निगरानी विभाग के कई अधिकारी शामिल थे, जिनमें SI रविशंकर कुमार, राकेश कुमार, आदित्य कुमार और योगेंद्र कुमार के नाम प्रमुख रूप से बताए जा रहे हैं. टीम ने पूरी कार्रवाई को नियमानुसार रिकॉर्ड किया है, ताकि आगे कानूनी प्रक्रिया में कोई कमी न रहे.

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