बच्चों में जन्मजात दोष या दिल में छेद जैसी बीमारियों का आरबीएसके द्वारा कराया जाता है निःशुल्क ऑपरेशन : सिविल सर्जन

बच्चों में जन्मजात दोष या दिल में छेद जैसी बीमारियों का आरबीएसके द्वारा कराया जाता है निःशुल्क ऑपरेशन : सिविल सर्जन

CHHAPRA DESK – समाज के अंतिम व्यक्ति को भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्र और विद्यालयों का भ्रमण कर जरूरतमंदों को चिह्नित करने का कार्य करती है. साथ ही उन लोगों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित करती है. इतना ही नहीं बल्कि जरूरतमंदों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने तक आरबीएसके की टीम आवश्यक सहयोग भी करती है. ताकि लोगों को सरकारी स्वास्थ्य सेवा का लाभ लेने में किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो और सभी लोगों को सुविधाजनक तरीके से सरकारी स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके.

सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की 30 टीम जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में तैनात है. जिलेवासियों से अपील करता हूं कि जिनका भी बच्चा हृदय रोग से पीड़ित है, वह अपने स्थानीय या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर हमारी टीम से संपर्क स्थापित कर पूरी तरह से जानकारी देने काम करें. ताकि उनके बच्चे का निःशुल्क समुचित इलाज करवाया जाए. क्योंकि किसी भी तरह की जन्मजात दोष, कमियां, बीमारी और बच्चों में विकास में देरी होने जैसी बीमारियों का समुचित इलाज़ के बाद उसका ऑपरेशन किया जाता है.

जिला स्तर से लेकर जिले के अन्य सभी स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात आरबीएसके टीम क्षेत्र भ्रमण कर ऐसे बच्चों को ना सिर्फ चिह्नित कर रही है, बल्कि उसका निः शुल्क समुचित इलाज भी सुनिश्चित करवाती है. ताकि पीड़ित बच्चे को सुविधाजनक तरीके से सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं का लाभ मिल सके। साथ हीं लोगों में सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं के प्रति विश्वास बढ़े तथा उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी मिल सके.

जन्म से लेकर 18 आयु वर्ग तक के बच्चों का आरबीएसके टीम द्वारा कराया जाता है स्क्रीनिंग: डीपीएम

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) टीम में शामिल चिकित्सक फार्मासिस्ट और एएनएम द्वारा जन्म से लेकर 06 वर्ष के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र जबकि 06 से 18 आयु वर्ग तक के बच्चें के लिए स्कूल का भ्रमण कर स्क्रीनिंग किया जाता है. उसके बाद सदर अस्पताल परिसर स्थित ड्रग इंफोर्समेंट एंड इंटेलिजेंस सेंटर (डीईआईसी) सेंटर भेजने के बाद बीमारी के अनुसार उसको पीएमसीएच, एम्स, आईजीआईएमएस,

आईजीआईसी सहित अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में चिन्हित बच्चों का निःशुल्क ऑपरेशन कराया जाता है. वहीं अतिकुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में 14 से 21 दिनों तक रखा जाता है. जिले में विगत 2015 से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) बच्चों को सुविधाजनक तरीके से समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

बाल हृदय योजना के तहत वर्ष 2023- 24 में 111 बच्चों को मिला नया जीवनदान : आरबीएसके

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के जिला समन्वयक डॉ जितेंद्र प्रसाद ने कहा कि तत्कालीन जिला समन्वयक डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह के द्वारा विगत वर्ष 2023- 24 के दौरान सारण जिले से 40 बच्चों को श्री सत्य साईं हॉस्पिटल अहमदाबाद जबकि 05 बच्चें को पटना के पीएमसीएच परिसर स्थित इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आईजीआईसी) भेजा गया था. इसी तरह से कटा हुआ होठ वाले 19 बच्चें और कान के 05 बच्चें, पीठ पर गोला वाले 08 बच्चें, एआरएम के 08 बच्चें, सिर में भरा हुआ पानी या सिर बड़ा होने वाले 04 बच्चें, दृष्टि विकार या मोतियाबिंद जैसी बीमारी से जूझ रहे 07 बच्चे, हर्निया के 4 बच्चे और विकृत पैर वाले 5 बच्चे को पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भेज कर उसका सफ़लता पूर्वक ऑपरेशन कराया गया है, जबकि टेढ़े मेढे पैर वाले 06 बच्चें को श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल मुजफ्फरपुर भेज कर सफल ऑपरेशन करा कर ठीक कराया गया है.

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