CHHAPRA DESK – विश्व फार्मेसी डे के अवसर पर छपरा सदर अस्पताल स्थित जीएनएम भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन नगरनिगम मेयर लक्ष्मी नारायण गुप्ता, सिविल सर्जन डॉक्टर सागर दुलाल सिन्हा, उपाधीक्षक डॉक्टर आर एन तिवारी, डीपीएम अरविंद कुमार, न्यायलय के सचिव पूर्णेन्दु, डॉ रत्नेश्वर प्रसाद, डॉ मुनेश्वर चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यक्रम के दौरान सीएस, डीएस एवं चिकित्सक के साथ आगत अतिथियों एवं फार्मासिस्टों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया. सिविल सर्जन ने अपने संबोधन में कहा कि फार्मासिस्ट चिकित्सा का एक अंग होते हैं.
जो समय-समय पर चिकित्सकों से मेडिकल संबंधित कई पहलुओं पर जानकारी साझा करते हैं. फार्मासिस्ट चिकित्सा और मरीज के बीच सेतु का काम करते हैं, जो दवा का डोज भी तय करते हैं और मरीज को दवा के साइड इफेक्ट के भी विषय में जानकारी देते हुए दवा सेवन करने की सलाह देते हैं. वही उपाधीक्षक ने भी फार्मासिस्ट की आने वाली नए युग में उपयोगिता को बताया. वहीं सदर अस्पताल के फार्मासिस्ट शशि रंजन, नंदलाल, दिनेश प्रजापति व कन्हैया कुमार ने सदर अस्पताल में ट्रेनिंग ले रहे जूनियर फार्मासिस्टों को कड़ी मेहनत व लगन के साथ कार्य करते हुए आगे बढ़ाने की बात कही.
वहीं डॉक्टर रत्नेश्वर प्रसाद ने चिकित्सा व्यवसाय में फार्मासिस्टों की भूमिका पर प्रकाश डाला. मौके पर सीएस, डीएस के साथ डॉ संदीप कुमार, डॉ विजय लाल, डॉक्टर हरेंद्र प्रसाद, डॉक्टर सुभाष कुमार, डॉ अश्विनी कुमार, डॉक्टर अखिलेश कुमार, डॉक्टर संतोष कुमार, डॉ दिलीप कुमार, ड्रग इंस्पेक्टर अजय सिंह, अस्पताल पर बंधक राजेश्वर प्रसाद लेखपाल बंटी कुमार रजक, डीपीएम अरविंद कुमार सहित अनेक स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे. बता दें कि स्वास्थ्य को लेकर हम जल्दी किसी पर भरोसा नहीं करते हैं लेकिन रजिस्टर्ड फार्मेसी जो पूरी तरह इस विषय को पढ़ कर समझ कर कार्य करते हैं. उनपर हम पूरी तरह से भरोसा भी कर लेते हैं. इनके इसी योग्दान की सरहाना करने के लिए विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया जाता है.
क्यों मनाते हैं फार्मेसी दिवस
विश्व फार्मसिस्ट दिवस की शुरुआत 2009 में की गई थी. 2009 में इस्तांबुल, तुर्की में वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ फार्मेसी एंड फार्मास्युटिकल साइंस में एफआईपी द्वारा बनया गया था. 25 सितंबर की तिथि का चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि इसी दिन 1912 में एफआईपी कि स्थापना की गई थी. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया के हर कोने में स्वास्थ्य को और बेहतर बनाने में फार्मासिस्टक की भूमिका को प्रोत्साहिस करना है. एक फार्मेसिस्ट लोगों की स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर अपने सभी कर्तव्यों का पालन करता है जिसमें, दवा की सही पहचान, उसकी रीस्टॉकिंग, दवाओं की समाप्ति तिथि और उनकी उपलब्धता आदि शामिल होते हैं. ताकि किसी भी प्रकार से किसी व्यक्ति के स्वास्थय पर उसका कोई गलत प्रभाव न पड़े. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ही एफआईपी ने सभी फार्मासिस्ट को सम्मानित करने के लिए इस दिन को मानाने का समर्थन किया.