CHHAPRA DESK – साइबर अपराधियों ने क्राइम की बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया है. जहां रिटायर्ड महिला प्रोफेसर को डिजिटली अरेस्ट कर उसके खाते से ₹3.07करोड़ रुपए ट्रांसफर करवा लिए हैं. मामला पटना के कदमकुआं से सामने आया है, जहां स्थानीय निवासी एवं पटना यूनिवर्सिटी की रिटायर्ड महिला प्रोफेसर ज्योति वर्मा से दो हफ्ते में 3.07 करोड़ रुपये ठग लिए हैं. उन्हें डिजिटल नजरबंद करके रखा गया. उन्होंने वीडियो कॉल पर बैंक जाकर फिक्स डिपॉजिट तुड़वाया और जालसाजों के बताए अकाउंट में चेक के जरिए कई किस्तों में पैसे भेजे. इस तरह तीन करोड़ से ज्यादा की ठगी की गई है. इस मामले में शिकायत दर्ज कराई गई है.
बता दें कि रिटायर्ड महिला प्रोफेसर के पति का निधन हो चुका है. वह अकेली रहती हैं. 5 नवंबर की दोपहर करीब 12 बजे उनके पास एक नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले ने कहा कि उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया था, जिसमें से 1 लाख 15 हजार 430 रुपये खर्च हो गए हैं. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, क्योंकि यह रकम मनी लॉन्ड्रिंग के लिए भेजी गई थी. यह सुनकर बुजुर्ग महिला के होश उड़ गए. वह डर गई. फिर यहीं से खेल शुरू होता है. महिला ने कहा कि उसने किसी कार्ड के लिए आवेदन नहीं किया है तब फोन करने वाले ने उसे एक सीनियर से बात कराई. उसने कहा कि नरेश गोयल इस मामले को देख रहे हैं.
वह सीबीआई के धोखाधड़ी समूह के प्रभारी हैं. अब आप संदिग्ध हैं. फिर क्या, महिला को झांसे में लेकर डिजिटली गिरफ्तार कर लिया गया. कॉल पर आए दूसरे व्यक्ति ने फोन पर ही गिरफ्तारी वारंट भेज दिया. फोन करने वाले सीनियर ने कहा कि यह मामला गंभीर है. आप किसी को मत बताना, नहीं तो पूरे परिवार की जान खतरे में पड़ जाएगी. उसने कहा कि आपको सारा पैसा सुप्रीम कोर्ट भेजना होगा. जिसकी निगरानी में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जांच करेगा. महिला से कहा गया कि आपको घर में कैद करके रखा जा रहा है. हमारा आदमी आपके घर की निगरानी करेगा. उसका नाम आनंद है. महिला को आनंद नाम के लड़के का मोबाइल नंबर दिया गया और कहा गया कि आपके पास काला धन है या नहीं, इसकी जांच की जा रही है. अगर वह कहीं फोन करती है या बिना इजाजत घर से बाहर निकलती है तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया उसकी सारी संपत्ति जब्त कर लेगा.
आरटीजीएस के जरिए भेजती रही रकम
जालसाजों के जाल में फंसकर महिला प्रोफेसर ने अपनी एफडी भी तुड़वा दी. साइबर जालसाजों से वीडियो कॉल पर अनुमति लेने के बाद वह बैंक जाती और आरटीजीएस के जरिए रकम भेजती. जालसाजों ने महिला से कहा कि हैदराबाद के केनरा बैंक में उसके नाम से खाता खुला है. हालांकि, उसके एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, इंडियन बैंक और एसबीआई में भी खाते हैं. उसने एसबीआई में ही कई एफडी करा रखी थी.
अब तक की जांच में पता चला है कि महिला प्रोफेसर के खाते से हैदराबाद के पांच बैंक खातों में रकम भेजी गई है. साइबर थाने की पुलिस जांच में जुट गई है. एसएचओ सह डीएसपी राघवेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि जिन खातों में रकम भेजी गई, उनके धारकों का पता लगाया जा रहा है. रकम पश्चिम बंगाल की एक ट्रैवल एजेंसी और कंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ ही अहमदाबाद और कर्नाटक के बैंकों के खातों में भेजी गई है. एक तरह से महिला को 5 नवंबर से 7 नवंबर के बीच डिजिटली गिरफ्तार किया गया.