CHHAPRA DESK – साइबर अपराधी अब नए तरीके से ठगी करने की जुगत लगा चुके हैं. मामला डिजिटल अरेस्ट का है. वैसे डिजिटल अरेस्ट के इधर कई मामले सामने आ चुके हैं. ताजा मामला सारण जिले के मशरक थाना क्षेत्र से सामने आया है. जहां क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर वीडियो कॉल के माध्यम से एक व्यवसायी से 45.86 लाख रुपए ठगी कर ली गई है. इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर साइबर डीएसपी सह थाना अध्यक्ष अमन ने चौथे अपराधी को भी गिरफ्तार कर लिया है. प्रेस वार्ता के दौरान इस बात की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि साइबर थाना को सूचना प्राप्त हुई थी कि मशरक थाना क्षेत्र के नेहरू टोला निवासी सोना लाल प्रसाद के पुत्र विकाश कुमार को डिजिटल अरेस्ट कर उनके खाते से 45.86 लाख की ठगी कर ली गई है.
पीड़ित के द्वारा लिखित आवेदन देकर उनके द्वारा बताया गया कि उनके मोबाइल नं० पर इन्वेस्टीगेशन के नाम पर विडियो कॉल आया. कॉलर ने खुद को क्राइम ब्रांच का ऑफिसर बताया और वादी से एक सुप्रीम कोर्ट का एफिडेविट जैसा आवेदन पर ऑनलाइन सिग्नेचर करवाया. फिर जांच के नाम पर उनके खाते से कुल 45,86000 रू० का धोखाधड़ी कर निकासी कर लिया गया. इस संबंध में सारण साइबर थाना कांड सं0-344/24 दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया. तकनीकी अनुसंधान के क्रम में प्राप्त आसूचना के आधार पर जिस खाते में वादी के 15 लाख 66 हजार रुपए का अवैध ट्रांसफर हुआ था उस संबंध में भी पूर्व में 03 अभियुक्तों को गाजियाबाद से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है.
पुनः इसी क्रम में दूसरे बैंक खाता जिसमें 15 लाख रुपए का अवैध ट्रांसफर हुआ था उस बंधन बैंक के खाताधारक पश्चिम बंगाल के 24 परगना बैरकपुर के बेहाला थाना क्षेत्र निवासी राजकुमार सिंह के पुत्र रितिक कुमार सिंह को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया है. इस कांड में संलिप्त अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है. गिरफ्तार अभियुक्त रितिक कुमार सिंह के खिलाफ बैरकपुर साइबर थाना में भी प्राथमिकी दर्ज है. छापामारी टीम में अमन, पुलिस उपाधीक्षक-सह-थानाध्यक्ष साइबर थाना, पु०नि० अश्विनी कुमार तिवारी, पु०अ०नि० नीरज कुमार यादव, सि०/742 आयुष कुमार एवं सि०/516 लल्टू कुमार शामिल रहे.