CHHAPRA DESK – सारण जिले में फर्जी नर्सिंग होम एवं पैथोलॉजिकल जांच केंद्र की बाढ-सी आ गई है. जहां रेफर के नाम पर मरीजों की खरीद-बिक्री हो जाती है. मरीज का शोषण होता है सो अलग. कई बार मरीजों को अपनी जमा-पूंजी लुटाने के साथ जान भी गंवानी पड़ती है. अभी छपरा शहर स्थित A-1 इमरजेंसी हॉस्पिटल का मामला ठंडा भी नहीं हुआ कि दूसरा मामला शहर स्थित सहयोग हॉस्पिटल से सामने आया है, जहां लाखों लुटाने के बाद मरीज की जान भी नहीं बची है. जिससे आक्रोशित परिवार वालों ने रात्रि में ही सहयोग नर्सिंग होम पर जाकर हो-हंगामा किया. उस दौरान नर्सिंग होम पर मौजूद कर्मचारी अस्पताल से भाग निकले. जिसके बाद गुस्साए मरीज के परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी.
मृत महिला सारण जिले के रिविलगंज थाना अंतर्गत सेमरिया गांव निवासी अजीत प्रसाद की तीस वर्षीय पत्नी सीता देवी बताई गई है जिसे बीते 26 फरवरी को छपरा शहर के गोपेश्वर नगर स्थित सहयोग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. जहां उसका प्रसव कराया गया. प्रसव के बाद उसने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया लेकिन उसे होश नहीं आया. कुछ रोज उसे भर्ती रखने के बाद वहां से उसे हाजीपुर आदर्श हॉस्पिटल रेफर किया गया. वहां भी कुछ रोज रखने के बाद उसे पटना किसी निजी अस्पताल में पहुंचा दिया गया. इस प्रकार मरीज के पास कर्ज लेने के भी रुपए नहीं बचे तो परिवार वाले उसे लेकर छपरा सदर अस्पताल पहुंचे जहां कुछ घंटे में सीता देवी की मौत हो गई. जिसके बाद परिजन आक्रोशित हो गये और सहयोग हॉस्पिटल में तोड़फोड़ कर डाली.
समाचार प्रेषण तक परिवार वाले सहयोग हॉस्पिटल पर हंगामा कर रहे थे. हालांकि समाचार प्रेषण तक इस मामले में प्राथमिकी की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो सकी है. परिवार वालों का आरोप है कि सहयोग हॉस्पिटल से हाजीपुर आदर्श हॉस्पिटल और पटना तक मिलाकर उसके करीब 10 लाख रुपए इलाज में लग चुके हैं और अंत में उसकी पत्नी भी की भी मौत हो गई. बता दें कि एक दिन पूर्व छपरा शहर के राजेंद्र स्टेडियम के समीप स्थित A-1 इमरजेंसी हॉस्पिटल के द्वारा भी उपचार के नाम पर एक मरीज से ₹60 हजार ऐंठ लिये गए थे. जिस खबर को हलचल न्यूज़ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसपर सदर एसडीएम लक्ष्मण तिवारी के द्वारा कार्रवाई करते हुए उस फर्जी अस्पताल को सील करने का आदेश जारी किया है.