गंगा-कावेरी ट्रेन के एसी कोच में निकला सांप ; फिर बजने लगा फायर अलार्म ; अफरातफरी के बीच गायब हो गया यात्री के लाखों का सामान, खुली रेलवे के सुरक्षा की पोल

गंगा-कावेरी ट्रेन के एसी कोच में निकला सांप ; फिर बजने लगा फायर अलार्म ; अफरातफरी के बीच गायब हो गया यात्री के लाखों का सामान, खुली रेलवे के सुरक्षा की पोल

CHHAPRA DESK –  रेलवे के सुरक्षित और सुखद यात्रा की पोल खुल चुकी है. एसपी कोच में भी यात्रियों की सुरक्षा भाग्य भरोसे ही हो रही है. ऐसा ही अचंभित करने वाला एक मामला गंगा कावेरी एक्सप्रेस ट्रेन के एसी 2 टायर से सामने आया है, जहां एसी कोच में सांप निकालने के बाद अफरातफरी मच गई. हालांकि कोच अटेंडेंट के द्वारा सांप को मार दिया गया. जिससे कुछ देर बाद ऐसी कोच का फायर अलार्म बजने लगा. इतनी देर में यात्रियों की नींद खुली और अफरातफरी मच गई. उसी बीच बदमाशों ने दो यात्रियों का ट्रॉली बैग गायब कर दिया. जिसमें आभूषण और कीमती कपड़े रखे हुए थे.

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प्रयागराज व वाराणसी स्टेशन के मध्य हुई घटना

चेन्नई से छपरा आ रही गंगा कावेरी एक्सप्रेस ट्रेन के एसी कोच से लाखों का सामान नाटकीय ढंग से बदमाशों ने उड़ा लिया. उस दौरान कोच में ना तो कोच अटेंडेंट था और ना ही कोई टीटीई व सुरक्षा कर्मी ही मौजूद थे. इस संदर्भ में पीड़ित भगवान बाजार थाना क्षेत्र के भगवान बाजार निवासी वर्णिता कश्यप एवं आकाश शरण ने तत्काल रेलवे को ऑनलाइन शिकायत की. तब तक ट्रेन वाराणसी पहुंची जहां से टीटीई चढे और कोच अटेंडेंट जितेंद्र भी पहुंचा. ऑनलाइन शिकायत के बाद ट्रेन के छपरा जंक्शन पर पहुंचने के साथ ही उनके द्वारा छपरा जंक्शन जीआरपी थाने मे जीरो प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

शादी से पहले ट्रेन से आभूषण व कीमती कपड़े हो गये गायब

दर्ज प्राथमिकी में भगवान बाजार चौक निवासी वर्णिता कश्यप ने बताया है कि आगामी 9 दिसंबर को उनकी शादी है. जिसकी तैयारी को लेकर वह लोग चेन्नई से छपरा गंगा कावेरी एक्सप्रेस ट्रेन से आ रहे थे. उसी क्रम में प्रयागराज व बनारस के बीच A2 कोच में एक सांप निकला, जिसे कोच अटेंडेंट के द्वारा मारा गया. उसके कुछ देर बाद ही फायर सेफ्टी अलार्म बज उठा और अफरा तफरी का माहौल हो गया. लगभग दो घंटे तक यह हाई वोल्टेज ड्रामा कोच में चला रहा लेकिन कोई भी पुलिस या सुरक्षाकर्मी उन लोगों की मदद के लिए वहां नहीं पहुंचा. अंततः उन लोगों ने इसकी सूचना फोन के माध्यम से कंट्रोल को दी. कंट्रोल से भी उन लोगों को संतोषजनक सहायता मुहैया नहीं हो पाई. इस घटना के दौरान कोच का लाइट भी काट दिया गया था. जब ट्रेन बनारस पहुंची तो उन लोगों ने देखा कि बर्थ के नीचे जेवरात कपड़ों से भरा दो सूटकेस गायब है. वही एक सूटकेस को दूसरे कोच में ले जाकर चोरों के द्वारा फेंक दिया गया था.

ट्रेनों में सुरक्षा की खुली पोल सुरक्षा के तमाम दावे फेल

जानकारी के अनुसार ट्रेनों में सुरक्षित यात्रा को लेकर रेल प्रशासन व सुरक्षा कर्मी तमाम दावे करते हैं लेकिन इस घटना के बाद ट्रेनों में आरपीएफ और जीआरपी के द्वारा सुरक्षा के तमाम दावे फेल साबित हो गए. इस संदर्भ में पूछे जाने पर रेलवे के अधिकारी ने बताया कि कई ऐसी ट्रेन है जिनमें आरपीएफ की स्कॉर्ट ड्यूटी नहीं लगाई जाती है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आरक्षित कोच से ज्यादा सुरक्षित वातानुकूलित कोच को समझने वाले यह जान गये कि वातानुकूलित कोच भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं रह गया है. वही पीड़ित ने बताया कि हम लोग लगभग 3 घंटे तक सहायता के लिए रेलवे के तमाम नंबरों पर संपर्क साझने की कोशिश की लेकिन कहीं से भी कोई सहायता मुहैया नहीं हो पाई. बनारस स्टेशन पर जितनी देर ट्रेन खड़ी थी उतने देर तक वे लोग सुरक्षा को लेकर भटकते नजर आए.

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