CHHAPRA DESK – गाजियाबाद में पुलिस के द्वारा अधिवक्ताओं के साथ किए गए दुर्व्यवहार और लाठी चार्ज के खिलाफ छपरा में भी अधिवक्ताओं के बीच काफी आक्रोश देखने को मिला. छपरा विधि मंडल में अधिवक्ताओं के द्वारा एक दिवसीय धरना आयोजित किया गया. जिसमें अधिवक्ताओं ने गाजियाबाद के जिला जज और संबंधित पुलिस पदाधिकारी जिनके द्वारा अधिवक्ताओं को प्रताड़ित व मारपीट करने का काम किया गया था, उनको निलंबित करने और उनके खिलाफ समुचित कानूनी कार्रवाई करने हेतु एक प्रस्ताव पारित किया.धरना में बिहार युवा अधिवक्ता कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष राजीव कुमार सिंह ने कहा कि
गाजियाबाद के जिला जज के द्वारा न्यायालय परिसर में पुलिस को बुलाकर अधिवक्ताओं के साथ जिस प्रकार का दुर्व्यवहार करवाया गया और पुलिस ने जिस प्रकार अधिवक्ताओं पर लाठियां भांजी व कुर्सी चलाया वह दर्शाता है कि अधिवक्ताओं के सम्मान पर किस तरीके का संकट उत्पन्न हो गया है और अधिवक्ताओं के हित के बारे में सोचने के लिए कोई रह नहीं गया है.ऐसी परिस्थिति में अधिवक्ताओं और उसके परिवार को सुरक्षित रखने के लिए अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू होना नितांत आवश्यक है. अगर अधिवक्ता अपने अंदर एकता पैदा नहीं करेंगे तो इस तरीके की घटना की पुनरावृत्ति अन्य जगहों पर भी हो सकती है. उनके द्वारा यह भी कहा गया कि एक ओर अधिवक्ताओं को ऑफिसर ऑफ कोर्ट कहा जाता है और दूसरी ओर जब उनके साथ
इस तरीके का दुर्व्यवहार एक जिला जज द्वारा पुलिस को बुलाकर के करवाया जाता है तो उस पर कोई एक्शन नहीं लिया जाता है, जो बहुत ही शर्मनाक है. आगे इस प्रकार की घटना नहीं घटित हो इसके लिए सारे अधिवक्ताओं को एकजुट होकर के और दोषी पुलिसकर्मियों और जिला जज पर कार्रवाई होने तक यह लड़ाई लड़नी चाहिए, अन्यथा किसी भी जगह पर इस प्रकार की घटना भविष्य में भी घट सकती है. धरना में विधि मंडल के उपाध्यक्ष उमेश कुमार सिंह, पवन श्रीवास्तव, प्रकाश रंजन निक्कू, अक्षय सिंह चौहान, नंदकिशोर राय, वीरेंद्र ओझा, संतोष कुमार, श्रीराम शरण, बृजेश नाथ पांडे सहित सैकड़ो अधिवक्ता उपस्थित थे.
विसं : राजीव रंजन सिंह