
GOPALGANJ DESK – गोपालगंज के थावे भवानी मंदिर में हुई 1.08 करोड़ रुपए के आभूषण चोरी मामले में पुलिस ने बड़े खुलासे किए हैं. इस हाई-प्रोफाइल चोरी के मास्टरमाइंड को घटना से ठीक 6 दिन पहले पुलिस ने हिरासत में लिया था, लेकिन शक के बावजूद उसे छोड़ दिया गया. दरअसल, आरोपी 10-11 दिसंबर की रात थावे मंदिर परिसर में रेकी कर रहा था. पुलिस ने शक के आधार पर उसे हिरासत में लिया. करीब 5 घंटे तक थाने में बैठाकर पूछताछ की. उस दौरान आरोपी ने पुलिस को गुमराह करते हुए कहा, वह अपनी प्रेमिका से मिलने यहां आया है. पुलिस की सख्ती और लगातार सवालों के बावजूद आरोपी अपनी कहानी पर अड़ा रहा.

जिसके बाद पुलिसकर्मियों से उसने अपने पिता से फोन पर बात कराई. पिता के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने आरोपी को सरकारी गाड़ी से रेलवे स्टेशन तक छोड़ा. मास्टरमाइंड की पहचान उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले दीपक राय के रूप में हुई है. आरोपी ने पुलिस पूछताछ में जानकारी दी कि उसने चोरी की प्लानिंग कैसे और कब की थी. पुलिस के अनुसार 3 नवंबर को जेल से रिया होने के बाद प्रयागराज अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने गया था जिससे उसके द्वारा बताया गया कि वह बहुत बड़ा काम करने जा रहा है और अब उनकी लाइफ सेट हो जाएगी.

वीडियो देखकर चोरी का तैयार किया ब्लूप्रिंट
पहले पुणे के मंदिर से चोरी का था प्लान पर थावे भवानी मंदिर का वीडियो देखने के बाद उसने फुल प्लानिंग के साथ चोरी का ब्लूप्रिंट तैयार किया. जिसके बाद उसने यूट्यूब और मंदिर की वेबसाइट पर पूरी तरह जानकारी एकत्रित की ओर गूगल मैप से रास्तों की जानकारी जुटाने के बाद चोरी का पूरा प्लानिंग कर बैठा

अज्ञात फोन कॉल से खुला चोरी का राज
इस मामले में गोपालगंज एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि थावे मंदिर चोरी कांड को सुलझाने में सबसे अहम भूमिका एक अज्ञात फोन कॉल्स ने निभाई. चोरी के खुलासे के लिए ₹1 लाख का इनाम घोषित किया गया था. जिसके बाद हमें एक अनजान नंबर से फोन आया जिसमें एक व्यक्ति ने बताया चोरी गाजीपुर के एक व्यक्ति के द्वारा की गई है, उसी लाइन में छापेमारी कीजिए. इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने गाजीपुर जिले में छापेमारी की ओर दीपक राय के घर तक पहुंची. उस दौरान दीपक घर से बाहर था. परिवार वालों से पूछताछ पर पता चला कि दीपक पहले भी चोरी के आरोप में जेल जा चुका है.

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