PATNA DESK – पटना के पटेलनगर स्थित शेल्टर होम में रह रही एक और लड़की की मौत इलाज के दौरान पीएमसीएच में आज हो गई है. जबकि इससे पूर्व दो लड़कियों की मौत उपचार के दौरान हो चुकी है. बता दें कि बीते 7 नवंबर को खिचड़ी खाने के बाद यहां रहने वाली लड़कियों की तबीयत बिगड़ गई थी. एक लड़की की मौत घटना वाले दिन ही हो गई थी जबकि दूसरी की मौत 10 नवंबर को हुई थी. जबकि 8 लड़कियों का इमरजेंसी वार्ड में इलाज चल रहा है. इस घटना के एक सप्ताह बाद शास्त्रीनगर थाने में यूडी केस दर्ज किया गया है. शेल्टर होम के गार्ड बिरजू कुमार के आवेदन पर केस दर्ज हुआ है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक घटना की जानकारी स्थानीय शास्त्री नगर थाने को एक दिन बाद 8 नवंबर को दी गई थी. सीडीपीओ साकेत कुमार ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में जो बात सामने आई हैं उसके मुताबिक उल्टी-दस्त के बाद बच्चियों को अस्पताल में एडमिट कराया गया था. 7 नवंबर को एक बच्ची की तबीयत बिगड़ने की बात सामने आई थी. अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. जिसके बाद 10 नवंबर को एक और लड़की की तबीयत बिगड़ी फिर उसकी भी मौत हो गई.
वहीं 8 नवंबर को बच्ची के बीमार होने की सूचना शेल्टर होम की ओर से पुलिस को दी गई थी. पूछताछ के लिए पहली बार पुलिस 13 नवंबर को पहुंची थी. खिचड़ी खाने के बाद फूड पॉइजनिंग होने की जानकारी दी गई थी. जिला प्रशासन के मुताबिक शेल्टर होम की क्षमता 50 थी जबकि मौजूदा समय में सिर्फ 45 बच्चियां रही थी. देखरख के लिए एक अधीक्षिका, एक काउंसलर, दो गृह माता, एक एएनएम समेत कुल 19 कर्मी हैं. मीडिया में खबर आने के बाद प्रशासन भी सकते में हैं. ये सभी ऐसी बच्चियां हैं,
जिनका कोई सहारा नहीं है और सभी मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं. न ठीक से बोल सकती हैं और न ठीक से कोई काम कर सकती है. उक्त आसरा गृह दिव्यांगजन निदेशालय, पटना द्वारा वित्त-प्रदत्त है एवं जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग, पटना के अनुश्रवण में इसका संचालन किया जा रहा है. लगभग 2 वर्ष से यह आसरा गृह अमिताभ चन्द्र मुकुल के मकान में किराए पर चल रहा है. एक ही बिल्डिंग में एक तरफ हॉस्टल है और दूसरी तरफ आसरा गृह है, जिसमें बच्चियां रहती हैं.