भारतवर्ष के इन क्षेत्रों में है नवदुर्गा के स्वरूप विराजमान : जानिए किन किन क्षेत्रों में है ये मंदिर

भारतवर्ष के इन क्षेत्रों में है नवदुर्गा के स्वरूप विराजमान : जानिए किन किन क्षेत्रों में है ये मंदिर

CHHAPRA DESK- नवरात्र में माता रानी के नौ स्वरूपों की अराधना की जाती है.

हलचल न्यूज़ के माध्यम से आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि मां के इन नवों स्वरुप के मन्दिर भारतवर्ष के विभिन्न स्थानों पर बने हैं और इन नवों स्वरुपों के मन्दिर कहां-कहां स्थित हैं.

💐शैलपुत्री मंदिर, काशी

1 नवदुर्गा की प्रथम देवी शैलपुत्री का प्राचीन मंदिर काशी के घाट पर स्थित है.

2 शैल अर्थात हिम पहाड़, हिमवान की पुत्री होने के कारण उन्हें शैलपुत्री कहा गया.

3 माना जाता है कि जन्म के बाद पहली बार यहां माता आई थीं और यहीं विराजमान हो गईं.

💐ब्रह्मचारिणी मंदिर, वाराणसी

1 माता की दूसरी शक्ति ब्रह्मचारिणी का प्राचीन मंदिर वाराणसी के बालाजी घाट पर स्थित है.

2 ब्रह्मचारिणी का अर्थ है तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली.

3 ब्रह्मचारिणी अर्थात जब उन्होंने तपश्चर्या द्वारा शिव को पाया था.


💐चंद्रघंटा मंदिर, प्रयागराज

1 माता पार्वती की तीसरी शक्ति चंद्रघंटा है जिन्हें चंद्रमौलि शिवजी पति रूप में प्राप्त हुए

2 प्रयाग में स्थित है मां चंद्रघंटा का प्राचीन मंदिर जिसे क्षेमा माई मंदिर भी कहते हैं.

3 चन्द्रघंटा अर्थात जिनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्द्धचंद्र स्थित है.

💐कूष्‍मांडा मंदिर, जिला कानपुर

1 माता की चौथी शक्ति कूष्‍मांडा का मंदिर कानपुर के घाटमपुर ब्लॉक में स्थित है.

2 उदर से अंड तक वे अपने भीतर ब्रह्मांड को समेटे हुए हैं इसीलिए वे कूष्‍मांडा कहलाती हैं.

💐स्कंदमाता मंदिर, वाराणसी

1 माता की पांचवीं शक्ति स्कंदमाता का गुफा मंदिर हिमाचल में खखनाल में स्थित है.

2 माता का दूसरा प्रसिद्ध मंदिर वाराणसी और तीसरा दिल्ली के पटपड़गंज में स्थित है.

3 कार्तिकेय अर्थात स्कंद की माता होने के कारण उन्हें स्कंदमाता कहते हैं.

💐 कात्यायनी मंदिर, कर्नाटक

1 माता की तीसरी शक्ति कात्यायिनी का मंदिर कर्नाटक के अंकोला के पास एवेर्सा में कात्यायनी बाणेश्वर मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है.

2 वृंदावन, मथुरा के भूतेश्वर में स्थित है कात्यायनी वृंदावन शक्तिपीठ, जहां सती के केशपाश गिरे थे.

3 ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण उन्हें कात्यायिनी कहा गया.

💐 कालरात्रि मंदिर, वाराणसी

1 माता की सातवीं शक्ति कालरात्रि का मंदिर भी वाराणसी में स्थित है.

2 देवी काल अर्थात हर तरह के संकट का नाश करने वाली हैं इसीलिए वे कालरात्रि कहलाती हैं.

3 माता कालरात्रि ने राक्षसों का वध किया था। उनकी पूजा रात में ही होती है.

💐 महागौरी मंदिर, लुधियाना

1 माता की आठवीं शक्ति महागौरी का मंदिर पंजाब के लुधियाना और यूपी के वाराणसी में स्थित है.

2 माता का वर्ण पूर्णत: गौर अर्थात गौरा (श्वेत) है इसीलिए वे महागौरी कहलाती हैं.

3 ऐसा भी कहा जाता है कि तप से उनका शरीर काला पड़ गया था तो शिवजी ने उन्हें गौर वर्ण का कर दिया.

 

💐सिद्धिदात्री मंदिर, सतना

1 माता की नौवीं शक्ति सिद्धिदात्री का मंदिर मध्यप्रदेश के सागर जिले में स्थित है.

2. माता के अन्य प्रसिद्ध मंदिर यूपी- वाराणसी, सतना- मध्यप्रदेश और देवपहाड़ी- छत्तीसगढ़ में भी हैं.

3 देवी अपने समर्पित भक्तों को हर प्रकार की सिद्धि दे देती हैं इसीलिए उन्हें सिद्धिदात्री कहा जाता है.
साभार : ज्योतिषाचार्य डॉ सुभाष पांडे 

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