जनेवा से आयी WHO की टीम ने सदर अस्पताल स्थित कालाजार विभाग का किया निरीक्षण ; कालाजार उन्मूलन को लेकर हो रहे कार्यों की दी जानकारी

जनेवा से आयी WHO की टीम ने सदर अस्पताल स्थित कालाजार विभाग का किया निरीक्षण ; कालाजार उन्मूलन को लेकर हो रहे कार्यों की दी जानकारी

CHHAPRA DESK –  जनेवा से आयी डब्ल्यूएचओ की दो सदस्यीय टीम ने आज छपरू सदर अस्पताल के कालाजार विभाग का निरीक्षण किया और वहां उपलब्ध व्यवस्थाओं की जानकारी ली. टीम में जनेवा से दो सदस्यों के अलावे राष्ट्रीय स्तर पर एक तथा राज्य स्तर के दो सदस्य भी मौजूद थे. जनेवा से आयी डॉ फैबियाना व अन्ना ने कहा कि स्थानीय स्तर पर कई व्यवस्थाएं मौजूद हैं. कुछ और व्यवस्थाओं को अपडेट किये जाने की जरूरत है. टीम के सदस्यों ने कहा कि कालाजार उन्मूलन को लेकर वैश्विक स्तर पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि एक नयी वैक्सीन बनाने पर भी काम चल रहा है. नयी दवाओं पर भी लगातार रिसर्च हो रहा है. टीम ने कहा कि गुणवत्ता में और सुधार किया जाना चाहिये. हालांकि सभी सदस्यों ने सदर अस्पताल के कालाजार विभाग की स्थिति को संतोषजनक बताया. टीम में डीएनडीए डायरेक्टर समेत कई वरीय पदाधिकारी भी सम्मिलित थे.

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कालाजार मरीजों में कमी लाने का प्रयास

वीडीसीओ अनुज कुमार ने बताया कि सारण जिला कालाजार उन्मूलन की ओर अग्रसर है. सारण में सभी प्रखंडों में प्रति दस हजार के जनसंख्या पर 1 मरीज से अधिक नहीं होना चाहिए इससे बरकरार रखा गया है. साथ हीं इसे तीन साल तक सस्टेन भी रखा गया है. सारण जिले के सभी प्रखंडों में एन्डमिसिटी रेट 0.5% से नीचे है. उन्होने बताया कि सारण में पिछले साल 2024 में 60 वीएल और 30 पीकेडीएल के मरीज मिले थे. वहीं इस साल 2025 में 2 वीएल और 2 पीकेडीएल के मरीज मिले हैं. कालाज़ार के मरीजों में कमी लाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है.

संक्रमित बालू मक्खी के काटने से होता है कालाजार

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है जो संक्रमित बालू मक्खी के काटने से होता है. यह संक्रमित बालू मक्खी कालाजार रोग के कारक परजीवी लीशमेनिया डोनोवानी को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलाती है. यह बालू मक्खी कम प्रकाश वाले, नम जगहों, मिट्टी की दीवारों, मवेशी बांधने के स्थान आदि पर पाए जाते हैं. कालाजार उत्पन्न करने वाले परजीवी के संक्रमण से रोगी के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. जिससे वह अन्य दूसरे गंभीर रोगों से ग्रसित हो सकते हैं. ज़िले के किसी भी व्यक्ति में कालाजार से संबंधित लक्षण दिखे तो उसे अनिवार्य रूप से कालाजार की जांच करानी चाहिए. ताकि, समय रहते बीमारी की जानकारी मिल सके. इस मौके पर दिल्ली से अमित मलिक, अनुप्रिया, डीएनडीए  कोऑर्डिनेटर राजकिशोर, वीडीसीओ अनुज कुमार, कालाजार विभाग के इंचार्ज डॉ हरेंद्र, जीएनएम नेहा, डॉ रंजीत, बंटी रजक, अनुज आदि भी मौजूद रहे.

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