CHHAPRA DESK – आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गयी हैं. भारत निर्वाचन आयोग के निदेश पर विधानसभा में सेक्टर और पुलिस पदाधिकारियों की नियुक्ति करते हुए कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है. सेक्टर पदाधिकारी विधानसभा चुनाव के लिए वलनरेबल क्षेत्रों की पहचान से लेकर हर वह जानकारी संकलित कर रहे हैं जो शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और सुलभ चुनाव के आधार हैं. सारण में पूर्व ही जिला स्तर पर नियुक्त सेक्टर और पुलिस पदाधिकारियों को वृहत प्रशिक्षण प्रदान करते हुए फिल्ड में उतारा जा चुका है. उन्होंने आवंटित बूथों और उनके आच्छादित क्षेत्रों का भौतिक सत्यापन, आसूचना संकलन, विभिन्न जानकारी और डाटा का कंपाइलेशन विभिन्न प्रपत्रों में प्रारम्भ कर दिया है.
क्योश्चनायर विधि से की गयी समीक्षा
शनिवार को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी अमन समीर और वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने परसा और सोनपुर विधान सभा के सेक्टर अधिकारियों व सेक्टर पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक कर अबतक किए गए कार्यों की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान उन्होंने सेक्टर पदाधिकारियों की भूमिका को चुनाव प्रक्रिया की रीढ़ बताया. कहा कि फिल्ड में आप ही चुनाव आयोग और प्रशासन की आंख और कान हैं. आपकी रिपोर्ट पर ही बूथ स्तर पर सुविधा की बहाली, पहुंच पथ को सुगम बनाना व पोलिंग टीम के लिए वाहनों का चयन, बल की नियुक्ति, क्षेत्र में अर्द्धसैनिक बल की तैनाती, वलनरेबल की पहचान, कारक पर कार्रवाई और पीड़ित या प्रभावित वर्ग का मनोबल बहाल करने, आचार संहिता का अनुपालन आदि सभी कार्य सम्भव हो पाते हैं.
दिए गए व्यावहारिक टिप्स
जिलाधिकारी ने कहा कि सेक्टर को अपने क्षेत्र का स्पष्ट सीन दिमाग में रहना चाहिए. इस दौरान बूथों का नजरी नक्शा, सेक्टर व पोलिंग पार्टी के रूट चार्ट, स्थानीय सहयोग के लिए कम्युनिकेशन प्लान और अन्य जरूरी दस्तावेजों के तैयार करने की समीक्षा की गयी. उसकी कमियों और त्रुटियों को उजागर करते हुए सही, सटीक व व्यावहारिक रिपोर्ट निर्माण का टिप्स दिया गया. जिलाधिकारी ने कहा आपको अपने आवंटित सभी बूथ और उनके पोषक क्षेत्र की बड़ी से लेकर छोटी से छोटी जानकारी होनी चाहिए. ताकि समय पर उसका सही प्रकार से उपयोग किया जा सके.
निष्पक्ष आचरण का करें प्रदर्शन
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी अधिकारियों को चुनाव का कार्य अत्यंत संवेदनशीलता के साथ करना होता है। साथ ही निष्पक्षता मूल है। ऐसा करने के साथ दिखना भी चाहिए. जिलाधिकारी ने इसके लिए आचार-व्यावहार से लेकर बात-चीत करने, सोशल मीडिया के ईस्तेमाल में बरती जाने वाली सावधानी के व्यावहारिक पहलू को समझाया. उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही अक्षम्य होती है. आयोग द्वारा सीधे कार्रवाई की जाती है.
फिल्ड के होते हैं प्रथम रिस्पांडर
एसएसपी डॉ आशीष ने बताया कि चुनाव से पूर्व ही सेक्टर अधिकारियों को कार्यपालक मजिस्ट्रेट की शक्ति प्राप्त हो जाती है. लॉ एंड ऑर्डर के संधारण की जिम्मेदारी आप पर ही होती है. सबसे पहले सूचना आपको मिलती है और आप क्युआरटी के रूप में प्रथम रिस्पांडर का काम करते हैं. पोलिंग पार्टी की बूथ पर पहुंचने, इवीएम की सुरक्षा, मॉक पोल, मतदान प्रक्रिया, सीलिंग, पोल्ड इवीएम के साथ वापसी व सुरक्षित जमा करने की जवाबदेही सेक्टर अधिकारियों की होती है। इसके साथ ही सी-विजल पब्लिक ऐप की जानकारी देते हुए बताया कि इसका निष्पादन 90 मिनट के टाइम बॉन्ड फ्रेम में किया जाता है. अधिकतर मामले में सेक्टर को ही निष्पादन करना पड़ता है.
कार्य सूची के अनुसार हुई समीक्षा
प्रारंभ में उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री जावेद एकबाल ने जिलाधिकारी का स्वागत करते हुए समीक्षा बैठक का एजेंडा प्रस्तुत किया. इस अवसर पर पर निर्वाची पदाधिकारी सह सोनपुर अनुमंडल पदाधिकारी स्निग्धा नेहा और आरओ सह डीसीएलआर राधेश्याम मिश्रा ने अबतक हुई तैयारियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. मौके पर अवर निर्वाचन पदाधिकारी एखलाक अंसारी, एसडीपीओ प्रीतीश कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी दीनबंधु दिवाकर, अमर नाथ, राकेश कुमार, अरोमा मोदी आदि उपस्थित थे.