कवि और कलमकारों का होली मिलन सह कवि सम्मेलन ; रंग और सुरों से सजी काव्य महफिल

कवि और कलमकारों का होली मिलन सह कवि सम्मेलन ; रंग और सुरों से सजी काव्य महफिल

CHHAPRA DESK –  छपरा शहर के प्रभुनाथ नगर में पत्रकार व साहित्यकार द्वारा होली मिलन सह कवि सम्मेलन का आयोजन भव्यता के साथ संपन्न हुआ. इस अवसर पर कविता, हास्य-व्यंग्य और होली गीतों की रंगारंग प्रस्तुतियों ने पूरे माहौल को उल्लास से भर दिया. कार्यक्रम में पत्रकार, कवि, साहित्यकार और संगीतकारों की मौजूदगी ने इसे विशेष बना दिया. कार्यक्रम की शुरुआत प्रो पृथ्वी राज सिंह, धर्मेंद्र साह, ब्यूरो चीफ राजीव रंजन, ब्यूरो चीफ अमन कुमार सिंह, पत्रकार संजय सिंह, संतोष गुप्ता, डॉ उमाशंकर विश्वकर्मा और सत्येंद्र दूरदर्शी सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर की. इसके बाद साहित्य और संगीत की ऐसी धारा बही कि उपस्थित जनसमूह मंत्रमुग्ध हो उठा. मंच संचालन की जिम्मेदारी कुशल वक्ता शिवानुग्रह सिंह ने संभाली, जिन्होंने अपने ओजस्वी अंदाज से पूरे कार्यक्रम को ऊर्जावान बनाए रखा.

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होली की उमंग में सराबोर काव्य प्रस्तुतियां

कार्यक्रम में कवि अमरेन्द्र सिंह ने होली के रंगों को शब्दों में पिरोते हुए बेहद खूबसूरत कविता प्रस्तुत की, जिसे श्रोताओं की खूब सराहना मिली. वहीं राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हास्य-व्यंग्य कवि सत्येंद्र दूरदर्शी ने जब अपने अनोखे अंदाज में मारे पिचकारी होली में देवरवा’ सुनाया तो दर्शक ठहाके लगाने को मजबूर हो गए. उन्होंने होली का पहाड़ा भी सुनाया, जिसने सभी को हंसी-ठिठोली और आनंद से भर दिया. गायक अतुल सिंह और अतुल सिंह अनमोल ने एक से बढ़कर एक होली गीत प्रस्तुत किए. जैसे ही गीतों की गूंज गूंजी, सभी ने सुर में सुर मिलाया और पूरा माहौल संगीतमय हो उठा. कवि सह प्राचार्य अमरेन्द्र सिंह, निर्भय नीर,सुरेश चौबे, प्रशांत सिंह माेहित, डॉ उमाशंकर विश्वकर्मा, फौजी राजेश, राकेश कुमार विद्यार्थी ने एक से बढ़कर एक होली पर कविता और गीत को प्रस्तुत किये. अन्य कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से होली की महिमा और समाज में इसकी प्रासंगिकता को बड़े ही रोचक अंदाज में प्रस्तुत किया.

होली और सामाजिक सौहार्द पर विचार

कार्यक्रम में प्रो पृथ्वी राज सिंह ने होली और सामाजिक सौहार्द पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने होली के पारंपरिक महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि यह पर्व रंगों, उल्लास और प्रेम का प्रतीक है, जो समाज को एकसूत्र में पिरोने का कार्य करता है. उन्होंने साहित्य और समाज को जोड़ने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि साहित्यिक आयोजनों से संस्कृति और परंपरा को मजबूती मिलती है.

सम्मान और अभिनंदन

होली मिलन कार्यक्रम के दौरान सभी साहित्यकारों, कलमकारों, पत्रकारों और कवियों को अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया. यह आयोजन ब्यूरो चीफ अमन कुमार सिंह और पंचमेल साहित्य मंच के संस्थापक प्रो पृथ्वी राज सिंह द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था.

साहित्य और होली के संगम का अद्भुत नजारा

इस कार्यक्रम में कविता, गीत, व्यंग्य और हास्य के रंगों का अद्भुत संगम देखने को मिला. एक ओर जहां कवियों ने अपनी सशक्त रचनाओं से समां बांधा, वहीं दूसरी ओर गायकों ने होली गीतों से माहौल में संगीतमय रंग भर दिया। होली केवल रंगों का त्योहार ही नहीं, बल्कि साहित्य, कला और संगीत का भी पर्व है. यह आयोजन इस बात का प्रमाण था कि जब साहित्यकार और कलाकार एक मंच पर आते हैं, तो होली का आनंद सात गुना बढ़ जाता है. कुल मिलाकर यह कार्यक्रम हास्य-व्यंग्य, काव्य और संगीत का अनोखा संगम था, जिसने सभी उपस्थित लोगों के मन में साहित्यिक चेतना और होली की उमंग को और प्रबल कर दिया.

कार्यक्रम में मौजूद सभी ने होली गीत का आनंद लिया

मौके पर पत्रकार राकेश कुमार सिंह, संतोष गुप्ता, डीएस तोमर, अवधेश गुप्ता, सुनील गुप्ता, विज्ञापन असिस्टेंट मैनेजर रवि सिंह, संजीव कुमार, हरकिशोर सिंह, प्रमोद कुमार सिंह, मनजीत नारायण सिंह, तारकेश्वर प्रसाद, अभय सिंह, मलय सिंह, कमल किशोर सेंगर, दिग्विजय सिंह, रॉकी सिंह बजरंगी समेत अन्य कवि और साहित्यकार मौजूद थे. सभी ने अपने अपने प्रस्तुती दी और होली गीतों का आनंद लिया. सभी ने एक-दूसरे को गुलाल लगाए और सौहार्द का परिचय दिया.

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