खुले बाजार में बिक रही गरीब मरीजों को बांटी जानेवाली सरकारी अस्पताल की दवाएं ; दवा के थोक दुकान से लाखों की दवाएं बरामदगी के बाद ड्रग कंट्रोलर ने दुकान का लाइसेंस किया रद्द

खुले बाजार में बिक रही गरीब मरीजों को बांटी जानेवाली सरकारी अस्पताल की दवाएं ; दवा के थोक दुकान से लाखों की दवाएं बरामदगी के बाद ड्रग कंट्रोलर ने दुकान का लाइसेंस किया रद्द

CHHAPRA DESK –  गरीब मरीजों का उपचार कर उनके बीच बांटी जाने वाली सरकारी दवाएं अस्पताल कर्मियों की मिली भगत से अब खुले बाजार में बिकने लगी है. ऐसे अनेक मामले जांच में सामने आए हैं. अब ताजा मामला सारण जिले के अमनौर थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां एक थोक दवा दुकान में लाखों की (Not for Sale) लिखी सरकारी दवाएं पायी गई है. इस मामले के संज्ञान में आने के बाद एडीसी (सहायक औषधि नियंत्रक) विश्वजीत दास गुप्ता के द्वारा उस थोक दवा दुकान के लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है. अब उक्त लाइसेंस पर औषधियों का क्रय-विक्रय पूरी तरह गैर कानूनी और अवैध घोषित किया गया है.

 

ऐसे हुआ खुलासा

बताते चलें कि बीते 5 अगस्त को भेल्दी थाना पुलिस के द्वारा थाना क्षेत्र से कुंदन कुमार एवं कामेश्वर राय नामक दो युवकों को गिरफ्तार किया गया था. जिनके पास से नॉट फॉर सेल लिखी काफी संख्या में सरकारी दवाएं बरामद की गई थी. जिसके बाद यह खुलासा हुआ के उन दोनों के द्वारा थोक दवा दुकान से उस दवा को खरीदा गया था. उनके द्वारा बताया गया कि वे लोग अमनौर थाना क्षेत्र अंतर्गत सलखुआ गांव निवासी बिदुर कुमार तिवारी के थोक दवा दुकान “मेसर्स मानस ड्रग इन्टरप्राइजेज” से खरीदा गया है. जिसके बाद मामले की जांच सहायक औषधि नियंत्रक विश्वजीत दास गुप्ता के पास पहुंचा और उनके द्वारा जांच के लिए औषधि निरीक्षक (ड्रग इंस्पेक्टर) अजय कुमार सिंह एवं असगर अंसारी को निर्देशित किया गया. जिसके बाद दोनों ड्रग इंस्पेक्टर अमनौर थाना अंतर्गत से लखनऊ स्थित मानस ड्रग एंटरप्राइजेज पर पहुंचे और छापेमारी प्रारंभ की. उस दौरान विदुर कुमार तिवारी अनुपस्थित थे और उनके पिता चंदेश्वर तिवारी वह मौजूद थे. जहां छापेमारी के क्रम में उनकी दुकान से तीन कार्टन में रखे 11 प्रकार की औषधियों को बरामद किया गया. जिस पर बिहार गवर्नमेंट सप्लाई नॉट फॉर सेल लिखा हुआ था. सभी दवाएं स्वास्थ्य विभाग की थी. जिसे जब्त कर लिया गया. जिसके बाद यह जांच की जा रही है कि आखिर यह दवाएं थोक दवा दुकान में कैसे पहुंची और किस कर्मी की इसमें संलिप्तता है.

एडीसी ने क्या कहा

इस मामले में पूछे जाने पर एडीसी (सहायक औषधि निरीक्षक) विश्वजीत दास गुप्ता ने बताया कि अमनौर थाना क्षेत्र अंतर्गत सलखुआ गांव निवासी बिदुर कुमार तिवारी के थोक दवा दुकान “मेसर्स मानस ड्रग इन्टरप्राइजेज” से सरकारी दवा बिक्री की सूचना के बाद जांच कराई गई तो दुकान से तीन कार्टन में रखे 11 प्रकार की औषधियों को बरामद किया गया. जिसे जब्त करते हुए कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि सरकारी औषधियों का क्रय विक्रय एवं संचय किया जाना औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली के नियम 64(18) का उल्लंघन है.

जिसके आलोक में उक्त दुकान का अनुज्ञप्ति न०-BR-SAR- 167264, Form-208 एवं BR-SAR-167265, Form-218, निर्गत तिथि-02.06 2022 वैधता तिथि-01.06.2027 को रद्द कर दिया गया है. साथ ही औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली के नियम 66(2) को प्रावधान से उस दुकान के विरुद्ध राज्य सरकार के समक्ष अपील किया गया है. अब प्रदत्त अनुज्ञति को रद्द किए जाने के फलस्वरूप उक्त लाइसेंस पर औषधियों का क्रय विक्रय पूरी तरह गैर कानूनी होगा और औषधियों का क्रय, विक्रय एवं संचय किया जाना अवैध माना जाएगा.

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