CHHAPRA DESK – सारण जिले में पौधा संरक्षण संभाग कृषि विभाग अंतर्गत पौधा संरक्षण परामर्श एवं उपादान वितरण योजना के विषय में कीटनाशी विक्रेताओ को प्रशिक्षण दिया गया. जिसमें बीज, टीकारण की महत्ता एवं उपयोगिता, खरीफ फसल में खरपतवारनाशी का प्रयोग व सावधानियां, जैविक कीटनाशी का प्रयोग कैसे करे, इन सभी पर कार्यक्रम के संयोजक सहायक निदेशक पौधा संरक्षण राधेश्याम कुमार ने विस्तृत रूप से सभी कीटनाशी विक्रेताओं को जानकारी दी. वहीं, धान फसल की नवीनतम खेती के विषय में सहायक निदेशक प्रक्षेत्र अरविंद कुमार राय ने विस्तृत रूप से बताया.
जबकि छिडकाव यंत्र का प्रयोग व सावधानियां को लेकर सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण डॉक्टर सोनू कुमार ने विस्तृत प्रकाश डाले. अंत मे प्रशिक्षण कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे जिला कृषि पदाधिकारी श्याम बिहारी सिंह ने कीटनाशियों का प्रयोग जरूरत के अनुसार ही करने, रासायनिक की जगह जैविक कीटनाशी को अपने खेतों में प्रयोग करने की बात कही. उन्होंने कहा कि जैविक कीटनाशी का प्रयोग करने से मिट्टी, जल और हवा प्रदूषित नही होगी.
बता दें कि मिलेट्स को लेकर जिले में क्लस्टर के रूप में वृहत पैमाने पर खेती की जा रही है, जिसमे कीट व्याधि को लेकर होनेवाली समस्याओं पर जैविक कीटनाशी का प्रयोग कैसे करें उसपर भी विस्तृत चर्चा की गई. प्रशिक्षण में 42 कीटनाशी विक्रेताओं ने भाग लिया, जिन्हें कीटनाशी से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक बताया गया.