PATNA DESK – बिहार के नवादा जिले में साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस ने एक बार फिर शिकंजा कसा है. वारसलीगंज थाना क्षेत्र के चकवाय पंचायत के बाघी गांव में चलाए गए ऑपरेशन फायरवॉल के तहत पुलिस ने 9 साइबर अपराधियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. ये अपराधी सस्ते दर पर लोन दिलाने के नाम पर लोगों को ठग रहे थे और लंबे समय से इस गोरखधंधे में लिप्त थे. बताया जा रहा है कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बाघी गांव में साइबर ठगों का एक बड़ा गिरोह सक्रिय है. जिसके आधार पर साइबर थाना पुलिस ने इलाके की घेराबंदी की और बरगद के पेड़ के नीचे से इन अपराधियों को धर दबोचा.
छापेमारी के दौरान कुछ अपराधी भागने में सफल रहे, पुलिस उनकी तलाश में जुटी है. गिरफ्तार अपराधियों के पास से 11 स्मार्टफोन, एक कीपैड फोन, 7 फर्जी सिम कार्ड, एक डायरी और एक पन्ने की कस्टमर डाटा शीट बरामद की गई है. गिरफ्तार अपराधियों की पहचान सुधांशु पटेल, विक्की कुमार, राजेश कुमार, सुधीर कुमार, गौतम कुमार, अरविंद पंडित, मंटू कुमार, सूरज कुमार, सभी चकवाय मीरबिगहा, वारसलीगंज, नवादा के निवासी और संतोष कुमार शर्मा, मूल रूप से झारखंड के बेरमो, बोकारो के निवासी के रूप में हुई है. संतोष वर्तमान में चकवाय मीरबिगहा में रह रहा था.
एसपी ने क्या कहा
नवादा के पुलिस अधीक्षक अभिनव धीमान ने बताया कि ऑपरेशन फायरवॉल के तहत साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए विशेष रणनीति बनाई गई है. इन अपराधियों ने स्वीकार किया कि वे लंबे समय से फर्जी लोन के नाम पर लोगों को ठग रहे थे. बरामद डाटा शीट में पीड़ितों की जानकारी दर्ज थी जिससे ठगी के पैमाने का अंदाजा लगाया जा सकता है. पुलिस ने सभी गिरफ्तार अपराधियों के खिलाफ आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. बता दें कि नवादा साइबर अपराध का हॉटस्पॉट बन चुका है, में इस तरह की कार्रवाइयां अपराधियों में खौफ पैदा कर रही हैं. स्थानीय लोग इस कार्रवाई का स्वागत कर रहे हैं, लेकिन साइबर ठगी के बढ़ते मामलों पर चिंता भी जता रहे हैं.