CHHAPRA DESK – लोककवि भिखारी ठाकुर के पैतृक गांव कुतुबपुर दियारा में एक बार फिर गंगा नदी के कटाव से दहशत का माहौल है. ग्रामीणों को अपने घर-बार उजड़ने का डर है और वे रतजगा कर रहे हैं। कटाव इतना तेज है कि जमीन का एक बड़ा हिस्सा गंगा में समाता जा रहा है, जैसा कि ग्रामीणो ने बताया है. भोजपुरी साहित्य के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर का यह गांव, गंगा नदी के कटाव से लगातार जूझ रहा है. ग्रामीणों में भय का माहौल है और वे अपने घरों को बचाने के लिए रतजगा कर रहे हैं. सामने आए वीडियो में, जमीन का एक बड़ा हिस्सा गंगा में समाता हुआ दिखाई दे रहा है.
भोजपुरी साहित्य और संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले भिखारी ठाकुर के गांव की यह स्थिति, निश्चित रूप से दुखद है. उनके पैतृक गांव को बचाने के लिए तत्काल उपाय करने की आवश्यकता है. स्थानीय मुखिया सत्येंद्र सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा कटाव निरोधी कार्य करोडों के लागत से कराया गया लेकिन कोई सुधार नही हुआ. स्थानीय मुखिया व ग्रामीण कुणाल राय, भोजन राय, राजेश पासवान, शिवकुमार माझी,अवधेश राय, मंटू राय, वेद प्रकाश ठाकुर, भरदुल साह ने बताया कि संवेदक जीओएम बैग मे उजला बालू की जगह मिट्टी भरकर फिलिंग किया जिसके कारण बैग से मिट्टी घुल कर खत्म हो गई अगर बालू रहता तो शायद कटाव कम होता.