CHHAPRA DESK – कृमि संक्रमण से शारीरिक एवं मानसिक विकास बाधित होता है. गंभीर संक्रमण से दस्त, पेट दर्द, उल्टी, कमजोरी आदि जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.इसके लिये समय समय पर डीवर्मिंग के लिये एल्बेंडाजोल की खुराक लेनी चाहिये। 1-2 वर्ष के बच्चों को आधी गोली तथा 2-3 वर्ष के बच्चों को एक गोली चूर्ण बनाकर पानी में मिलाकर खिलाना चाहिए. 3-19 वर्ष के बच्चों को एक गोली अच्छी तरह से चबाकर पानी के साथ खानी चाहिए.आगामी 4 सितंबर को राष्ट्रीय कृमि दिवस के अवसर पर 1-19 आयुवर्ग के बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को यह दवा निःशुल्क खिलाई जायेगी. यह दवा आंगनबाड़ी केंद्रों एवं विद्यालयों के माध्यम से लक्षित आयुवर्ग के बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को खिलाई जायेगी.
1-5 वर्ष आयुवर्ग के सभी बच्चों एवं 6-19 आयुवर्ग के वैसे बच्चे जो विद्यालय नहीं जा रहे हैं, को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से दवा खिलायी जायेगी. विद्यालय में अध्ययनरत सभी बच्चों को विद्यालय के माध्यम से दवा खिलायी जायेगी.
इसके एक सप्ताह के बाद 11 सितंबर को मॉप-अप राउंड चलाया जायेगा जिसमें छूटे हुये बच्चों को दवा खिलायी जायेगी. इसके सफल क्रियान्वयन को लेकर शनिवार को जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस एवं शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक किया. 4 सितंबर से पूर्व स्पष्ट माइक्रो प्लान तैयार कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया.
जिला शिक्षा पदाधिकारी सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में इसका सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करायेंगे. इनके लिये वह अपने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर स्पष्ट एक्शन प्लान के तहत कार्रवाई करेंगे. जिला प्रोग्राम पदाधिकारी भी विभागीय पदाधिकारियों एवं कर्मियों के सक्रिय सहयोग से कार्यक्रम को सफल बनाएंगे. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दवा के वितरण हेतु स्पष्ट प्लांनिग कर ससमय इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे.