GAYA DESK – साइबर क्राइम आज पुलिस प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गया है जिसके कारण बिहार के सभी जिलों में साइबर थाना खोला जा चुका है बावजूद इसके साइबर क्राइम पर लगाम नहीं लग पा रहा है. हालांकि साइबर पुलिस के द्वारा समय-समय पर अनेक मामलों का उद्भेदन भी किया जा रहा है, लेकिन साइबर अपराधियों के मंसूबे पर विराम नहीं लग पा रहा है. ताजा मामला गया जिला से सामने आया है, जहां एक डॉक्टर के बैंक खातों से साइबर अपराधियों ने 4.40 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर ली है. सीबीआई अफसर बन कर साइबर अपराधियों ने इस जालसाजी की घटना को अंजाम दिया है.
इस मामले में गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने बताया कि गया के साइबर थाना ने डॉ ए एन राय की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है कि साइबर अपराधियों ने पिछले कुछ दिनों में उनके सात बैंक खातों से 4.40 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है. दरअसल वहां एक डॉक्टर को डरा कर 4.4 करोड़ रुपये ठगने का मामला सामने आया है. जालसाजों ने अपने को सीबीआई का अफसर बन कर डॉक्टर को को चूना लगा दिया. एक साइबर अपराधी ने डॉक्टर को 29 जुलाई को उनके मोबाइल पर कॉल कर खुद को सीबीआई का अफसर बताया. उनसे कहा गया कि आपके खिलाफ सीबीआई ने क्रिमिनल केस दर्ज किया है.
डॉक्टर के नाम से मुंबई में एचडीएफसी बैंक में खाता खोला गया है. उसमें मनी लॉन्ड्रिंग की राशि और अवैध रूप से रकम जमा होती है. अगर क्रिमिनल प्रोसिंडिंग से बचना चाहते हैं तो साइबर कोर्ट ने अपने बैंक खाते में जमा रकम को तत्काल दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कराने को कहा है. साइबर ठगों ने डॉक्टर से कहा कि यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी होगा और गिरफ्तार कर लिया जाएगा. इसके अलावा 3 करोड़ सिक्योरिटी मनी भी जमा करनी होगी.भयभीत डॉक्टर ने 31 जुलाई से लेकर 5 अगस्त के बीच साइबर अपराधी द्वारा दिए गए खातों में राशि ट्रांसफर कर दी. जब तक डॉक्टर को ठगी का एहसास हुआ तब तक काफी देर हो चुकी थी.
फिलहाल गया साइबर पुलिस ने पीड़ित के बयान पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है. वहीं गया के एसएसपी ने कहा कि साइबर अपराधियों ने कुल 14 लेन-देन में डॉ राय के खातों से 4.40 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है. हालांकि, पुलिस साइबर अपराधियों के खातों में से 58 लाख रुपए ‘होल्ड’ करवाने में सफल रही है. गया साइबर थाना के प्रभारी और पुलिस उपाधीक्षक साक्षी राय ने कहा कि जांच से पता चलता है कि दिल्ली और आंध्र प्रदेश में स्थित साइबर अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया है. पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है.