CHHAPRA DESK – छपरा सदर अस्पताल की लचर दवा भंडारण व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है. आज अस्पताल परिसर स्थित दवा भंडार कक्ष के समीप कचरे के ढेर में उपयोग लायक सलाइन सेट मिलने से व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गये. यह सलाइन सेट मेट्रोनिडाजोल 100 एमएल का है, जो मुख्यतः डिहाइड्रेशन और कमजोरी जैसी स्वास्थ्य समस्याओं में मरीजों को दिया जाता है. ताज्जुब की बात यह है कि इन सलाइन बोतलों की एक्सपायरी वर्ष 2028 तक की है. यानि यह दवाएं पूरी तरह से उपयोग योग्य है. स्थानीय लोगों द्वारा जब इस लापरवाही की सूचना हलचल न्यूज़ को दी गई, तो अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया. मामले को लेकर पूछे जाने पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ आरएन तिवारी ने बताया कि इस बात की जांच कराई जाएगी कि सलाइन सेट खुले में क्यों फेंका गया.
सदर अस्पताल के लिए यह कोई पहली घटना नहीं
विदित हो कि सदर अस्पताल के लिए यह कोई पहली घटना नहीं है जब इस तरह की लापरवाही सामने आई है. पिछले महीने एएनएम स्कूल परिसर में भी इसी प्रकार खुले में सलाइन सेट फेंके गए थे. उस समय भी दवा उपयोग योग्य अवस्था में थी, लेकिन रखरखाव और निगरानी की कमी के कारण उसे यूं ही मुख्य द्वार के समीप फेंक दिया गया था. वही इस संबंध में जब कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दवा भंडार में जगह की कमी के कारण कई बार दवाओं को इधर-उधर रखना पड़ता है. लेकिन जिस अवस्था में सलाइन सेट कचरे के ढेर में पाया गया, वह सीधे तौर पर अस्पताल की दवा भंडारण व्यवस्था की पोल खोलता है.