सद्गुरु सदाफल देव आश्रम के गुरु भाई बहनों ने किया 48 यूनिट रक्तदान तो फेस का फ्यूचर इंडिया के सदस्यों ने किया 10 यूनिट रक्तदान

सद्गुरु सदाफल देव आश्रम के गुरु भाई बहनों ने किया 48 यूनिट रक्तदान तो फेस का फ्यूचर इंडिया के सदस्यों ने किया 10 यूनिट रक्तदान

CHHAPRA DESK –  रक्तदान महादान है जिससे किसी की जीवन बचती है. इस आशय को लेकर सद्गुरु उत्तराधिकारी संत प्रवर विज्ञान देव महाराज के पावन जन्मोत्सव के अवसर पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्वव्यापी रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें छपरा शहर के सिंगही स्थित सद्गुरु सदाफल देव आश्रम के प्रांगण में आज रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें सद्गुरु सदाफल आश्रम के सभी गुरु भाई एवं गुरु बहनों ने रक्तदान शिविर को सफल बनाते हुए कुल 48 यूनिट रक्तदान किया. मुकेश प्रसाद अस्पताल से ब्लड बैंक इंचार्ज धर्मवीर कुमार के साथ अन्य कर्मी शामिल थे.

इस विषय पर आश्रम से राजेंद्र राय ने बताया कि संत प्रवर विज्ञान देव महाराज के पावन जन्मोत्सव के अवसर पर प्रतिवर्ष देशव्यापी रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है. जिसके तहत आज छपरा में भी आश्रम पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 48 सदस्यों ने रक्तदान किया गया है. वहीं फेस ऑफ फ्यूचर इंडिया द्वारा दीपावली व छठ के पूर्व सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया.

रक्तदान शिविर का उद्घाटन रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी अतिदेवानंद महाराज, सदर अस्पताल उपाधीक्षक आर एन तिवारी, अध्यक्ष मंटू कुमार यादव, राज्य संयोजक दीपक कुमार पांडे, सचिव रणजीत कुमार ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया. मौके पर स्वामी अतिदेवानंद महाराज ने कहा कि रक्तदान करना एक सच्ची सेवा है अगर किसी को कपड़ा व खाना दान देते हैं तो कुछ समय के लिए ही रहता है. जबकि रक्त देते हैं तो जीवन भर उसके रगों में दौड़ता है. इसीलिए सबको रक्तदान करना चाहिए. वहीं सदर अस्पताल के उपाधीक्षक आर एन तिवारी ने कहा कि रक्तदान से किसी तरह की कमजोरी नहीं होती है बल्कि वह स्वास्थ्य भी रहता है.

रक्तदान शिविर में शिक्षाविद सचिन तिवारी ने रक्तदान करते हुए कहा कि रक्तदान है प्राणी पूजा. इसके जैसा दान ना दूजा, वहीं संस्था अध्यक्ष मंटू कुमार यादव ने रक्तदान कर कहा कि रक्तदान किसी एक व्यक्ति की जान को तो बचाता ही है बल्कि साथ-साथ में कुछ व्यक्ति के जीवन से जुड़े अन्य परिवारजनों की आशाओं को भी जीवित रखता है. क्योंकि, यह किसी भी रक्तदाता को पता नहीं होता कि उसके द्वारा दान किया गया रक्त कितने जरूरतमंद व्यक्ति को मिल रहा है. रक्तदान कर दूसरों की जान बचाना मानव का पहला धर्म है.

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