सफाई कर्मी भी यहां करता है उ’पचार ; हाल छपरा जंक्शन का जहां मरीजों के जा’न से होता है खि’लवाड़ ; स्टेशन डायरेक्टर को नहीं है कोई मतलब

सफाई कर्मी भी यहां करता है उ’पचार ; हाल छपरा जंक्शन का जहां मरीजों के जा’न से होता है खि’लवाड़ ; स्टेशन डायरेक्टर को नहीं है कोई मतलब

CHHAPRA DESK – मरीज के जान से खिलवाड़ और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही जैसी घटनाएं प्राय: सामने आया करती है. लेकिन, इस बार जो मामला छपरा जंक्शन से सामने आया है वह काफी चौंकाने वाला है. आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि यहां सफाई वाला ही मरीजों का उपचार कर देता है. ऐसी स्थिति में मरीज की जान से खिलवाड़ नहीं तो इसे और क्या कहेंगे ? लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि छपरा जंक्शन स्टेशन डायरेक्टर को इन सब से कोई मतलब नहीं है. हाल वही है कि “अंधेर नगरी और चौपट राजा” ! एक तरफ रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुविधा के लिए लगातार प्रयासरत है तो दूसरी तरफ छपरा जंक्शन पर लापरवाही का आलम यह है कि सफाई कर्मी मरीजों का इलाज कर देता है और स्टेशन डायरेक्टर इसकी लीपा पोती करते हैं.

सफाई वाले ने मरीज को खिला दी दवा, ऐसे हुआ उपचार

छपरा जंक्शन पर बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन अप से पहुंचे मरीज विकास कुमार यादव का उपचार करने रेलवे अस्पताल के सफाई कर्मी दिलीप कुमार व ड्रेसर किशुनदेव साह पहुंचे थे. जहां उनके द्वारा फर्स्ट-एड बाक्स से कुछ दवाएं निकल कर मरीज को दी गई और रेलवे के द्वारा 140 रुपए का बिल भी मरीज को थमाया गया. जिसका भुगतान मरीज के द्वारा किया भी गया. लेकिन यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि रेलवे द्वारा सफाई कुर्मी दिलीप कुमार से मरीज का उपचार करवाया गया, जो कि ना तो फार्मासिस्ट है ना हीं कंपाउंडर.

ऐसी स्थिति में यह एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि छपरा जंक्शन पर मरीज का उपचार एक सफाई वाला कर रहा है. जब मरीज से शुल्क रेलवे विभाग के द्वारा डॉक्टर का लिया गया और उपचार के नाम पर सफाई वाले ने उपचार किया तो ऐसी स्थिति में यह कहावत चरितार्थ हो रही है कि नीम हकीम खतरे जान. डॉक्टर के अनुपस्थित होने के विषय पर जब दोनों कर्मियों से पूछताछ की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि डॉक्टर विष्णु प्रभाकर के आदेश पर वे लोग जंक्शन पर इलाज करने के लिए पहुंचे हैं. इस विषय पर जब रेलवे अस्पताल के डॉक्टर से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया.


क्या है मामला

बता दें कि बिहार संपर्क क्रांति अप एक्सप्रेस ट्रेन में समस्तीपुर निवासी विकास यादव अपने मित्र सनोज यादव के साथ सफर कर रहा था. जहां हाजीपुर से ट्रेन खुलने के बाद विकास यादव की तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद सनोज ने रेलवे के टोल फ्री नंबर पर इस घटना की सूचना देते हुए चिकित्सक की मांग की. ट्रेन जैसे ही छपरा जंक्शन पर पहुंची तो छपरा रेल अस्पताल कर्मी के दो कर्मी फस्ट-एड किट लेकर पहुंचे जहां छपरा जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या एक पर बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रहे विकास यादव के पास टीम पहुंची और उसे कुछ दवाई दी गई. पूछने पर विकास यादव ने के मित्र सनोज यादव ने बताया कि विकास को तेज पेट दर्द हुआ और तबीयत खराब हो गया. जिसके कारण वह चीखने लगा और उसके द्वारा जंक्शन पर उसे उपचार प्राप्त हुआ.

क्या कहते हैं स्टेशन डायरेक्टर

सफाई कर्मी के द्वारा मरीज के उपचार किए जाने की बात सुनकर स्टेशन डायरेक्टर ओंकार नाथ वर्मा ने भड़कते हुए कहा कि इलाज हो गया न. जाइए हम कोई बयान नहीं दे सकते.

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