संघ की शाखा में आने और सामूहिक कार्यक्रम से चित हो जाता है समान : रामकुमार

संघ की शाखा में आने और सामूहिक कार्यक्रम से चित हो जाता है समान : रामकुमार

CHHAPRA DESK – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में आने और सामूहिक कार्यक्रमों से जुड़ने से इंसान का चित समान हो जाता है. सर संघचालक हेडगेवारजी ने इसी सोच के साथ संघ की शाखा में कबड्डी खेल का प्रारंभ किया था. जिसमें एक तरफ ब्राह्मण तो दूसरी तरफ दलित बच्चे खेला करते थे और जीत के लिए दोनों आपस में पूरी ताकत लगाते थे. उसी शाखा के माध्यम से भाईचारा भी बढ़ाने का प्रयास किया.

संघ अपने स्थापना काल से हैं किसी से भेदभाव नहीं किया. उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ क्षेत्र प्रचारक रामकुमारजी ने छपरा शहर के स्नेही भवन में संपर्क विभाग के द्वारा आयोजित परिचय वर्ग में स्वयंसेवकों एवं बुद्धिजीवियों को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि संघ की देशभर में 39 संस्थाएं हैं, लेकिन सबका लक्ष्य एक है और वह है देश को परम वैभव पर ले जाना. उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक भूकंप अकाल या किसी भी विपदा के समय हमेशा देश और देशवासियों के साथ खड़ा रहा है.

बिहार में 667 के अकाल की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने उस समय एक ही जिला स्वयंसेवकों को बड़ी मिन्नत के बाद दिया था. लेकिन जब उन्होंने उस जिले में चल रहे स्वयंसेवकों के सहायतार्थ कार्यो का आकलन किया तो उनका हृदय परिवर्तन हो गया और उन्होंने खुलकर कहा कि अगर स्वयंसेवक देशभक्त नहीं है तो कोई भी देशभक्त नहीं है, यहां तक कि वह भी देशभक्त नहीं हो सकते.

परिचय वर्ग को संबोधित करते हुए श्री कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 1 लाख 60 हजार स्थानो पर सेवा विभाग चला रहा है, जहां के निवासियों के बीच सेवा कार्य लगातार जारी है और अनंत काल तक जारी रहेगा. इस मौके पर बुद्धिजीवियों एवं स्वयंसेवकों के द्वारा प्रश्न पूछे गये, जिनका उन्होंने बहुत ही सहजता से जवाब दिया. परिचय वर्ग का संचालन संपर्क प्रमुख अवध किशोर मिश्रा ने किया.

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