CHHAPRA DESK – सारण जिले में एड्स मरीजों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है. जो कि एक सोचनीय विषय है. अगर विगत वर्षों के आंकड़ों पर नजर डाले तो प्रतिवर्ष एड्स मरीजों की संख्या में करीब 30% की वृद्धि हो रही है. वर्ष 2021 में सारण जिले से 343 एड्स मरीज पाए गए थे, जो कि वर्ष 2022 में बढ़कर 452 हो गया. इस प्रकार वर्ष 2022 में एड्स मरीजों की वृद्धि का दर विगत वर्ष की तुलना में 31.78% है. वहीं इस वर्ष 2023 में नवंबर माह तक ही 434 एड्स मरीजों की पहचान हो चुकी है. जबकि इस वर्ष में 4 महीने शेष हैं. इस वर्ष के समापन पर भी एड्स मरीजों का वृद्धि दर करीब 30% के आसपास ही रहने की संभावना है.
एड्स मरीजों में 40% फ़ीसदी महिलाएं हैं शामिल
सारण जिले में पाए जाने वाले कुल एड्स मरीजों में 40% फ़ीसदी महिलाएं शामिल है. जिसमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं. सारण जिले में वर्ष 2021 में कल 343 एड्स मरीजों की पहचान की गई थी. जिसमें 213 पुरुष एवं 130 महिलाएं शामिल है. जबकि वर्ष 2022 में 452 एड्स मरीजों में पुरुषों की संख्या 267 एवं महिलाओं की संख्या 185 है. वही इस वर्ष वर्ष 2023 (नवंबर माह तक) 434 एड्स मरीजों में पुरुषों की संख्या 266 और महिलाओं की संख्या 168 है.
वर्ष 2006 में थे मात्र 62 एड्स मरीज
वर्ष 2006 के आंकड़ों पर नजर डाले तो सारण जिले में एड्स मरीजों की संख्या मात्र 62 ही थी, जो कि वर्ष 2007 में बढ़कर 100 पहुंची और आज यह आंकड़ा 500 से ऊपर पार कर रहा है. हालांकि सरकार एड्स पर जागरूकता को लेकर तमाम उपाय कर रही है लेकिन मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा ही हो रहा है.
क्या है दो प्रमुख कारण ?
सारण जिले में एड्स मरीजों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए दो महत्वपूर्ण कारण है. पहला कारण जीविकोपार्जन के लिए यहां के लोगों का अन्य प्रदेशों में नौकरी के लिए जाना है. और दूसरा ट्रक ड्राइवर है. बता दे कि शादी के बाद खर्च बढ़ने पर गरीब परिवार के बहुतायत लोग नौकरी की तलाश में अन्य प्रदेशों में निकल जाते हैं. लेकिन, वहां अच्छी कमाई नहीं होने के कारण परिवार को गांव पर ही छोड़ देते हैं और घर पर खर्च भेजते हैं. ऐसी स्थिति में असुरक्षित यौन संबंध बनते हैं और वे लोग एड्स का शिकार हो जाते हैं.
वर्ष में जब कभी वे घर आते हैं तो अपनी पत्नी को भी संक्रमित कर देते हैं. इस बात का खुलासा या तो तबीयत बिगड़ने पर होता है अथवा जब उनकी पत्नी गर्भधारण करती है और जांच के लिए अस्पताल पहुंचती है. अस्पताल पहुंचने पर जांच में एड्स जांच अनिवार्य होने के कारण इस बात का खुलासा होता है. वही ट्रक ड्राइवर भी अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा ट्रक पर माल लेकर एक शहर से दूसरे शहर तक सफर करने में गुजार देते हैं.
ऐसी स्थिति में सड़क किनारे ढाबा और यात्रा के दौरान यत्र-तत्र वे भी अवैध संबंध बनाते हैं. कम पढ़ा लिखा होने के कारण वे सुरक्षित यौन संबंधों के नियमों का पालन नहीं कर पाते. फलस्वरूप एड्स की चपेट में आ जाते हैं और उनके कारण उनकी पत्नी भी एड्स की चपेट में आ जाती है.
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