CHHAPRA DESK – सारण में मेधा की कमी नही है, बस सही प्लेटफार्म या मंच मिलने की जरूरत है. इसे सच कर दिखाया है ग्रामीण क्षेत्र के गौरव ने. बिहार लोक सेवा आयोग के तत्त्वावधान में आयोजित प्लस टू विद्यालय में शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए जारी रिजल्ट में सारण जिले के इसुआपुर के रामपुर अटौली गांव के रहने वाले व उत्क्रमित कन्या मध्य विधालय टरवां दिघवारा के नियोजित शिक्षक गौरव सिन्हा को रसायन शास्त्र विषय में पूरे सूबे में पांचवां स्थान मिला है.
प्रदीप सिन्हा व उषा सिन्हा के होनहार पुत्र गौरव ने सफलता के बाद कहा कि सभी के सहयोग से उन्होंने सूबे में टॉप फाइव में जगह बनाई है. दादी पूर्णिमा देवी के प्यार – स्नेह की सराहना करते हुए गौरव ने कहा कि दादी हमेशा बेहतर करने के लिये प्रेरित करती है. दादा स्व लक्ष्मेश्वर प्रसाद सिन्हा को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि यदि दादाजी आज जीवित रहते तो दुगुनी खुशी होती. सारण में सरकारी बीएड कॉलेज से बीएड व जेपी विश्वविद्यालय से स्नातक व पीजी की डिग्री प्राप्त करने के बाद गौरव का नियोजन नियोजित शिक्षक के पद पर डेढ़ साल पहले हो गया था.
शिक्षक पद पर चयन होने के बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और बीपीएसी से प्लस टू विद्यालय में शिक्षक बनने में कामयाब रहें. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने फूफा व नंदलाल सिंह कॉलेज के प्राचार्य डॉ के पी श्रीवास्तव, बीएड कॉलेज की शिक्षिका तूलिका प्रसाद व मधुलिका लाल,माता-पिता, पत्नी सुष्मिता, भाई शुभम, गुरुजनों, दोस्तों व शुभचिंतकों को दिया. उन्होंने कहा कि सभी लोग हमेशा सकारात्मक मार्गदर्शन करते रहते हैं.