CHHAPRA DESK – सारण जिले में 17 से 21 नवंबर तक पल्स पोलियो अभियान का स्पेशल चक्र चलेगा. अभियान के क्रम में 0 से 5 साल तक के शत प्रतिशत बच्चों को दो बूंद पोलियो की दवा पिलाई जायेगी. अभियान के प्रति जागरूकता के लिए सदर अस्पताल के एएनएम स्कूल छात्राओं ने जागरूकता रैली निकाली. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ चंदेश्वर सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया. इस मौके पर डीआईओ ने कहा कि बच्चों के स्वस्थ व सेहतमंद जिंदगी के लिए पोलियो की दवा का पिलाना जरूरी है. पोलियो किसी बच्चे की स्थाई अपंगता का कारण बन सकता है. दो बूंद पोलियो की दवा से बच्चों के जीवन को सुरक्षित किया जा सकता है.
इसलिए अभिभावक अपने पांच साल तक के बच्चों को दी का सेवन जरूर करायें. जो इस लाइलाज बीमारी से बचाव का एकमात्र जरिया है. इस दौरान छात्राओं ने रैली के माध्यम से शहर के लोगों को पोलियो से बचाव की जानकारी, तथा बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने के प्रति जागरूक किया. इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. चंदेश्वर सिंह, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. रंजितेश कुमार, यूनिसेफ के एसएमसी आरती त्रिपाठी, अंशुमन पांडेय, शक्ति कुमार, रवि कुमार, निरंजन कुमार सिंह समेत अन्य मौजूद थे.
कोई भी बच्चा इस अभियान से छूटने न पाए
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. रंजितेश कुमार ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि जिले का कोई भी बच्चा इस अभियान से छूटने न पाए. इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों की टीम घर-घर जाकर बच्चों को दवा पिलाएगी. सार्वजनिक स्थानों रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बाजार एवं अन्य प्रमुख स्थानों पर भी टीम तैनात रहेगी. जिससे बाहर से आने वाले बच्चों को भी दवा दी जा सके. पोलियो एक गंभीर बीमारी है जो जीवनभर का अभिशाप बन सकती है. इस अभियान में हर व्यक्ति की भागीदारी अनिवार्य है, ताकि हमारे जिले में पोलियो का खतरा हमेशा के लिए खत्म हो सके. उन्होंने कहा कि माता-पिता और अभिभावकों को अपने बच्चों को पोलियो की खुराक दिलाना सुनिश्चित करना चाहिए.
जिले में 564049 बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य
यूनिसेफ के एसएमसी आरती त्रिपाठी ने बताया कि जिले में 5 लाख 64 हजार 49 बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है. इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है. टीम का गठन कर लिया गया है. जिले में कुल 1481 डोर-टू-डोर टीम, 250 ट्रांजिट टीम, 36 मोबाइल टीम का गठन किया गया है. वहीं 543 सुपरवाइजर को जिम्मेदारी दी गयी है. पोलियो की दवा पिलाने के लिए जिले में कुल 6 लाख 56 हजार 714 घरों को लक्षित किया गया है. स्वास्थ्य विभाग की यह पहल पोलियो मुक्त समाज के निर्माण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है. हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वे इस अभियान में सहयोग करें और जिले के हर बच्चे को पोलियो के खतरे से सुरक्षित बनाएं.