“सारण सपूत” से सम्मानित किये गये जेपीयू के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष 

“सारण सपूत” से सम्मानित किये गये जेपीयू के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष 

CHHAPRA DESK – भारत विकास परिषद के तत्वाधान में आयोजित एक समारोह में जय प्रकाश यूनिवर्सिटी, छपरा के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ )अमरनाथ प्रसाद को “सारण सपूत” के मेडल से सम्मानित किया गया. इस संस्था के अध्यक्ष प्रो के के द्विवेदी, सचिव कृष्ण मोहन प्रसाद, सदस्य ब्रजेंद्र कुमार सिन्हा, प्रो एम के शरण, ईश्वर प्रसाद, हेमंत कुमार, एस के पाठक इत्यादि ने शॉल, पुष्प गुच्छ एवम मेमेंटो देकर उनका अभिवादन किया और प्रो डॉ अमर नाथ प्रसाद के काव्य कृतियों पर विशेष व्याख्यान दिया. मुख्य अथिति स्वामी अतिदेवानंद महाराज ने इस अवसर पर प्रो अमर नाथ प्रसाद के जीवन में स्वामी विवेकानंद के प्रभाव और आज के बदलते परिवेश में स्वामीजी के विचारों की प्रासंगिकता पर विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया.

वहीं विशिष्ट अतिथि धर्म प्रचारक अरूण पुरोहित ने प्रो अमर नाथ प्रसाद के भोजपुरी प्रेम और उनकी आने वाली पुस्तक सारण के संत पर चर्चा करते हुए उनके कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की. इस अवसर पर एडवोकेट नेहा कुमारी सिंह ने अपने गुरुवर को सारण सपूत की उपाधि मिलने पर अपनी प्रसन्नता प्रकट करते हुए नारी जाति के उत्थान पर अपना विचार व्यक्त किया. जिसकी सभी ने मुक्त कंठ से सराहना की. मौके पर शकुंतला देवी, अक्षय कुमार सिंह, कपीश कुमार सिंह, कौशल किशोर गुप्ता सहित अन्य उपस्थित थे.

संपादक, आलोचक और कवि के रूप में उनकी है राष्ट्रीय पहचान

बता दें कि प्रोफेसर (डॉ) अमरनाथ प्रसाद वर्तमान समय में जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अंग्रेजी पीजी विभाग के अध्यक्ष हैं. उनका छात्र जीवन और विगत सेवा समय बहुत ही स्वर्णिम है. वह छात्र जीवन में स्वर्ण पदक विजेता भी रहे हैं. आज भारतीय ही नहीं वरन वैश्विक अंग्रेजी साहित्य में भी उनका बड़ा नाम है. एक संपादक, आलोचक और कवि के रूप में उनकी राष्ट्रीय पहचान है. भारत के अनेक मानक प्रकाशकों के माध्यम से उनकी 50 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. जिनमें 46 पुस्तकें अमेजॉन पर भी उपलब्ध हैं. इनके 100 से अधिक शोध पत्र विभिन्न पुस्तकों और पत्रिकाओं में प्रकाशित है.

इनके द्वारा रचित अंग्रेजी भाषा की कविताओं को “Pebbles on the Seashore” और “An Ark without Shore” नामक दो ग्रंथों में संकलित किया गया है. किसानों के जीवन पर आधारित उनकी एक कविता “The Priest of Nature” को संत बाबा गाडगे विश्वविद्यालय अमरावती, महाराष्ट्र में बीए पार्ट 2 के सेमेस्टर 3 के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया है. इन्होंने अल्पकाल के लिए भारतीय सेवा में धर्म शिक्षक के पद पर भी कार्य किया है.

 

वहीं, भोजपुरी भाषा में सारण समाज के महान आध्यात्मिक संतों के जीवन साहित्य और दर्शन पर उनका शोध कार्य चल रहा है. इन्होंने भोजपुरी भाषा में लिखित कुछ महान संतो के पदों को अंग्रेजी में अनुवादित किया है जो राष्ट्रीय स्तर के पुस्तकों में प्रकाशित है. डॉ प्रसाद नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित अंग्रेजी साहित्य की पत्रिका “Unheard Melody” और एक अंतर्राष्ट्रीय जर्नल के प्रधान संपादक हैं. इन्होंने अभी तक 12 पी एच डी के शोधकर्ताओं का सफल मार्गदर्शन किया है.

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