CHHAPRA DESK – सारण जिले से स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है जहां नसबंदी के बाद एक महिला को होश ही नहीं आया. अब परिवार वालों और गांव वालों के सामने यह समस्या बनी हुई है कि उस महिला के 6 छोटे-छोटे बच्चों को कौन संभालेगा. मामला जिले के मांझी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है. जहां स्थानीय थाना क्षेत्र के कटोखर गांव निवासी सुरेश पंडित की पत्नी देवरती देवी को आशा उर्मिला देवी के द्वारा नसबंदी के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मांझी में आज संध्या भर्ती कराया गया. नसबंदी के उपरांत काफी देर बीतने के बाद जब परिवार वालों ने वहां के कर्मियों से पूछताछ की तो उन लोगों के द्वारा बताया गया कि उनका नस नहीं मिल रहा है और छपरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया.
जबकि उस दौरान घर वालों ने वहां चिकित्सकों से बताया कि महिला का शरीर ठंडा पड़ चुका है तो उन लोगों ने बोला कि ज्यादा दिमाग मत लगाइए, छपरा सदर अस्पताल ले जाईए. जब वे सदर अस्पताल पहुंचे तो सदर अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक के द्वारा बताया गया कि वह महिला तो पहले ही मर चुकी है. इतना सुनते ही परिवार वालों में कोहराम मच गया और चीख- पुकार मच गई. इस सूचना के बाद सिविल सर्जन डॉक्टर सागर दुलाल सिंहा और अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर आर एन तिवारी इमरजेंसी वार्ड पहुंचे, जहां उन दोनों के द्वारा मामले की जांच पड़ताल के बाद महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.
परिजनों ने चिकित्सक पर लगाया लापरवाही का आरोप
नसबंदी के दौरान देवरती देवी की मौत के बाद उसके पति सुरेश पंडित एवं घर वालों ने मांझी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी का ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन लोगों का कहना है कि डॉक्टर की लापरवाही से ही मौत हुई है. वही अस्पताल प्रशासन इस मामले की छानबीन को लेकर शव का पोस्टमार्टम करवा रही है.
क्या कहती है आशा कार्यकर्ता
इस बाबत पूछे जाने पर कटोखर गांव की आशा कार्यकर्ता उर्मिला देवी ने बताया कि देवरती देवी छह छोटे-छोटे बच्चे हैं. नसबंदी के लिए वह उसे लेकर मांझी स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी, जहां नसबंदी कराया गया लेकिन उसके बाद उसे होश नहीं आया और उन लोगों के द्वारा काफी देर बीतने के बाद छपरा रेफर किया गया, जहां चिकित्सकों ने बताया कि वह मर चुकी है.
क्या कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
इस मामले में पूछे जाने पर अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर आर एन तिवारी ने बताया कि मांझी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी के दौरान देवरती देवी की मौत हुई है. मामले की जांच की जा रही है. फिलहाल ऐसा प्रतीत होता है कि बेहोश करने के दौरान ही कुछ हुआ होगा जिसके कारण उसे होश नहीं आया. ऐसी घटनाएं हो सकती है. विशेष जानकारी को लेकर शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. जिसके बाद उसकी मौत के सही कारणों की जानकारी हो सकेगी.