जेपी आंदोलन के सक्रिय सेनानी को पहली पुण्यतिथि पर दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

जेपी आंदोलन के सक्रिय सेनानी को पहली पुण्यतिथि पर दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

CHHAPRA DESK –  जयप्रकाश नारायण आंदोलन, 1974 में 32 दिनों तक जेल की हवा खाने के बाद भी मजबूत इरादों के साथ आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले शिव शंकर प्रसाद की पहली पुण्यतिथि आज उनके गुदरी बाजार स्थित पैतृक आवास पर एक सादे समारोह में मनाई गई. श्रद्धांजलि सभा में परिवार के सदस्य एवं शुभचिंतक शामिल हुए. उक्त अवसर पर उनकी पत्नी दमयंती देवी ने बताया कि परिवार व व्यवसाय के बाद वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं जयप्रकाश नारायण आंदोलन से भी जुड़े रहे. जिसको लेकर 5 अक्टूबर 1974 को जिले में 144 धारा लागू होने के बाद भी जेपी सेनानियों के द्वारा आंदोलन को जारी रखते हुए शहर में जुलूस निकाला गया था. व्यवसाय को छोड़कर वह भी आंदोलन में शामिल रहे. जिसको लेकर उनकी गिरफ्तारी हुई थी और 32 दिनों तक वह जेल रहे थे. जेल से आने के बाद भी वह आंदोलन और शाखा से जुड़े रहे.

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वह सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत करने के साथ एक सच्चे इंसान थे. आज वह भले ही हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी सादगी और आदर्श एक उदाहरण है. विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने कभी हालात से समझौता नहीं किया. 82 वर्ष की आयु में उनका निधन अचानक 10 मई 2024 को हो गई.  वह अपने व्यवसाय के प्रति भी काफी सजग और ईमानदार रहे. मृत्यु के एक दिन पहले वह गुदरी बाजार स्थित अपने कपड़े की दुकान बंद कर घर आए और बोले कि मेरी तबीयत कुछ अच्छी नहीं लग रही है – “शायद ज्यादा दिन नहीं रह पाऊ ” ! उनके यह कथन और ‘कटु सत्य मृत्यु’ दोनों पर विश्वास कर पाना सभी के लिए आसान नहीं था. वह अपने पीछे पांच पुत्र, पांच पुत्र वधू , पांच पौत्र एवं दो पौत्री छोड़कर गए हैं.

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