CHHAPRA DESK – गंगा, सरयू व सोन तीनों नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण सारण में भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. छपरा शहर के तटीय इलाकों में से लेकर निचली सड़क पूरी तरह जलमग्न है. शहर के सोनार पट्टी स्थित कठिया बाबा के मंदिर तक इतना पानी है कि नाव मंदिर के चौखट तक पहुंच रहा है. शहर के तटीय इलाके पूरी तरह जलमग्न है. जिसके कारण सैकड़ो घर में दो से चार फीट तक का पानी प्रवेश कर गया है और लोग या तो मकान के छत पर या सड़क तक आकर जैसे तैसे जीवन बसर कर रहे हैं. वही जलस्तर में अचानक वृद्धि के बाद मछुआरों के द्वारा अपनी नाव से घर में फंसे बच्चों बूढ़ों को निकालकर सड़क तक पहुंचाया गया है.
लोग निचली सड़क के मंदिरों पर डेरा जमाए हैं. बाढ के कारण जहां निकली सड़क शहर के तटीय इलाका व निचली सड़क के निवासियों का जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है, वही वही मवेशियों के सामने भी चारा की स्थिति उत्पन्न हो गई है. बाढ में फंसे लोगों ने सरकार से सहायता की मांग की है. उन्होंने बताया कि झोपड़ीनुमा घर पूरी तरह बर्बाद होने के कारण उनके सामने भूखो मरने की स्थिति उत्पन्न हो गई है. वहीं कई किसान के ट्रैक्टर टेंपो वह अन्य वाहन बाढ़ के पानी में जलमग्न हो चुके हैं, जिन्हें बाहर निकलने का भी उन्हें अवसर नहीं मिला है.
शहर की सड़क तक आ पहुंचे मवेशी
बाढ के कारण जहां सामान्य लोगों का जन जीवन प्रभावित है वहीं मवेशियों के सामने भी चारा और रहने की समस्या उत्पन्न हो गई है. बाढ में अन्य मवेशी व घोड़े शहर की सड़कों पर आ चुके हैं. शहर के डाक बंगला रोड में भी दर्जनों घोड़े चक्कर लगा रहे हैं. जिसके कारण दुर्घटना की संभावना भी बढ़ गई है.
शव जलाने की समस्या भी हो गई उत्पन्न
बाढ कारण आम लोग भी काफी परेशानी से जूझ रहे हैं. ऐसे में किसी की मृत्यु पर शव जलाने की भी समस्या उनके सामने उत्पन्न हो गई है. जिसको लेकर बाढ़ के बीच में ऊंचे स्थान पर शव को रख कर जलाया जा रहा है. अगर बाढ़ के पानी में वृद्धि हुई तो लोगों को छपरा-पटना मुख्य मार्ग के किनारे भी शव जलाने पड़ जाएंगे, जैसा की बीते वर्ष बाढ़ के समय देखा जा चुका है.