CHHAPRA DESK – छपरा सदर अस्पताल में अनियमितता एवं दलालों की शिकायत के बाद सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय राय, जिला परिवहन पदाधिकारी राजीव रंजन सिन्हा एवं डीडीसी प्रियंका रानी ने बीती रात्रि में छपरा सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. औचक निरीक्षण के दौरान कोई दलाल तो हाथ नहीं लगा लेकिन अस्पताल परिसर मे खड़ी निजी एम्बुलेंस के उपर जुर्माना किया गया. उस दौरान अस्पताल की व्यवस्था में कई अनियमितता भी उजागर हुई. जांच के क्रम में तीनो अधिकारियो ने बारी बारी सभी विभाग की जांच की. वही डी डी सी ने इमरजेंसी विभाग के जांच के क्रम मे बेड़ो व मरीज़ो को मिलने वाली दवा व अन्य सुबिधाओं के बारे मे जानकारी ली. वहीं एस डी ओ ने ब्लड बैंक मे पहुंच कर कई अनियमिता को देख कर्मी को फटकार लगाई.
उन्होंने वहां ब्लड बैंक के प्रदर्शित चार्ट और स्टोर में ब्लड की उपलब्धता की जांच की. जांच के क्रम में AB पॉजिटिव एक यूनिट ब्लड स्टोर में उपलब्ध पाया गया, जबकि चार्ट में उसका कोई जिक्र नहीं था. इस विषय पर वहां मौजूद कर्मी ने बताया कि कुछ समय पहले यह ब्लड का कलेक्शन किया गया है जिसकी जांच के उपरांत थी चार्ट में मेंशन किया जाएगा. वही रोस्टर की मांग की जाने के बाद उन्हें रोस्टर उपलब्ध नहीं हो सका जिसको लेकर उन्होंने नाराजगी प्रकट की.वहीं डीटीओ ने मरीज़ की शिकायत पर एस एन सी यू व डायलिसीस सेंटर के बारे मे जानकारी प्राप्त की तथा वहां जाकर वार्ड का निरीक्षण किया.
उस दौरान इमरजेंसी विभाग में जांच के क्रम में सभी दलाल अस्पताल छोड़ कर भाग खड़े हुए. वही एसएनसीयू विभाग में मरीज़ को 102 एम्बुलेंस मुहैया नहीं होने की शिकायत पर डीटीओ की पहल पर डीपीएम के द्वारा 102 एंबुलेंस मरीज को मुहैया कराया गया. बता दें कि अस्पताल में दलालों को लेकर प्रशासन के द्वारा प्रशासन के द्वारा लगातार कारवाई की जा रही है. वहीं प्रशासन ने अपील की है कि अस्पताल में किसी भी मरीज के साथ कोई भी दलाल के झांसे मे न आये और अगर दलालो के द्वारा कोई परेशानी होती हैँ तो तत्काल इसकी सूचना विभाग को दें. मौके पर ओएसडी अधिकारी के साथ काफी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद रहे.
बता दें कि एक पखवारे पूर्व ही सारण डीएम अमन समीर के द्वारा रात्रि में ही सदर अस्पताल का निरीक्षण किया गया था. करीब डेढ़ घंटे तक निरीक्षण के उपरांत डीएम के द्वारा अस्पताल कैंपस में खड़े अन्य एम्बुलेंस पर भी कार्रवाई का आदेश दिया गया. वहीं इमरजेंसी वार्ड से एक युवक को हिरासत में भी लिया गया था. उस दौरान अस्पताल के मुख्य द्वार के अगल-बगल बने दुकानों को हटाने का उनके द्वारा निर्देश दिया गया. जिसे खाली कराया जा चुका है. उसे दौरान भी निजी एंबुलेंस पर जुर्माना लगाया गया था.