शीतलहर की च’पेट में आया छपरा ; जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

शीतलहर की च’पेट में आया छपरा ; जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

CHHAPRA DESK –  छपरा में भी अब ठंड का प्रकोप शुरू हो गया है. लगातार दूसरे दिन धूप नहीं निकलने और बर्फीली हवाओं के बहने के कारण जिले में कड़ाके की ठंड पड़नी शुरू हो गई है. ऐसे में घर से निकलना मुश्किल होने लगा है. शहर के व्यस्त चौक भी सुनसान नजर आ रहे हैं. जाम से जूझने वाले रास्ते खाली नजर आ रहे हैं. वहीं दिनभर धुंध के कारण छोटे-बड़े वाहनों को लाईट व डीपर का प्रयोग करना पड़ रहा है.

ऐसे में सर्दी-खांसी व जुकाम के मरीजों की संख्या में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. वहीं सर्द हवाओं ने कंपकंपी बढ़ा दिया है. अचानक बदले मौसम के कारण सर्वाधिक परेशानी बुजुर्गों को हो रही है. वैसे बुजुर्ग और बच्चों को सर्वाधिक एहतियात भी बरतने की जरूरत है. जो बुजुर्ग ब्लड प्रेशर की दवा ले रहे हैं उन्हें नियमित दवा सेवन करने की आवश्यकता है. उनके द्वारा दवा सेवन में लापरवाही करना उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है.

चिकित्सकों की माने तो ठंड में बुजुर्ग और बच्चों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकले और घर पर भी वो गर्म कपड़ों से शरीर को ढक कर रखें. वही ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए सर्वाधिक एहतियात बरतने की जरूरत है. उनके द्वारा दवा के सेवन में लापरवाही बरतना उनके लिए हानिकारक साबित हो सकता है और उनकी जान भी जा सकती है.

 

सरकारी स्तर पर नहीं हुई कहीं अलाव की व्यवस्था

अचानक बढे ठंड के कारण सर्वाधिक परेशानी रिक्शा चालकों, ठेला चालकों और फुटपाथी दुकानदारों को हो रही है. उनके द्वारा जैसे तैसे कार्टन जलाकर शरीर को गर्म किया जा रहा है. वहीं कुछ जगहों पर निजी स्तर पर दुकान के बाहर अलाव की व्यवस्था की गई है. जबकि, नगर निगम और जिला प्रशासन के द्वारा अभी तक कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं बर्फीली और सर्द हवाओं के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है. ऐसे में फुटपाथ पर सोने वालों के लिए और रिक्शा चालकों के लिए रात काटना बहुत जोखिम भरा है.

 

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