टीबी उन्मूलन की दिशा में सार्थक पहल ; गोद लिए गए 50 टीबी रोगियों को दिया गया पोषण पोटली

टीबी उन्मूलन की दिशा में सार्थक पहल ; गोद लिए गए 50 टीबी रोगियों को दिया गया पोषण पोटली

CHHAPRA DESK –  प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत विभागीय स्तर पर सभी तरह से आवश्यक कार्य किया जा रहा है. क्योंकि टीबी की बीमारी अब लाइलाज नहीं है, लेकिन इसके लिए समय पर जांच और इलाज शुरू कराना जरूरी है. इसलिए लक्षण दिखते ही संबंधित मरीजों को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों में जांच करानी चाहिए और चिकित्सीय परामर्श का पालन अनिवार्य रूप से करना चाहिए. उक्त बातें ठाकुर बाड़ी महिला विकास कल्याण समिति के स्थानीय साधनपुरी स्थित कार्यालय में संस्था द्वारा गोद लिए गए मरीजों के बीच पोषण पोटली वितरण समारोह के दौरान अवकाश प्राप्त विंग कमांडर सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ डॉ बीएनपी सिंह ने कही.

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उपस्थित मरीजों सहित उक्त संस्था के अधिकारियों से कहा कि स्थानीय स्तर पर ठाकुर बाड़ी महिला विकास कल्याण समिति द्वारा कई वर्षों से क्षय रोग नियंत्रण और जड़ से मिटाने के उद्देश्य से गोद लिए गए टीबी रोगियों के लिए पौष्टिक आहार वितरण करना समाज के लिए अनुकरणीय है. लेकिन इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाने वाली दवाओं का सेवन नियमित रूप से करने और उक्त संस्था द्वारा टीबी रोगियों को पोषण युक्त पौष्टिक आहार पोटली का समय से खाने की जरूरत है. क्योंकि टीबी मरीजों को दवा से ज्यादा पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है. जिसको लेकर हम सभी को इसकी महत्ता से संबंधित समाज में जागरूक करना चाहिए. जब तक पौष्टिक तत्वों की मात्रा की भरपाई नही होगी तब तक आपका शरीर पूरी तरह से स्वास्थ नही होगा। खासकर टीबी जैसी बीमारी में अपने खानपान पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता होती हैं.

निश्चय मित्रो का किया जाता है फॉलोअप

ठाकुर बाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संस्थापिका डॉ अंजू सिंह ने कहा कि शहर के लगभग 50 टीबी रोगियों के बीच पोषण पोटली का वितरण किया गया है. वहीं उपस्थित सभी मरीजों का वजन किया गया. जिसमें दौलतगंज की अनीता देवी का वजन पहले तो 41 किलों ग्राम था लेकिन अब 49 किलों ग्राम हो गया है. इसका मतलब यह है कि नियमित रूप से दवा सेवन के साथ ही पौष्टिक आहार भी समय से ले रही है. इसी तरह गुदरी बाजार निवासी आदित्य कुमार का वजन 14 से अब 15 किलों ग्राम हो गया है. जबकि सुमन कुमारी का वजन 32 से 35 किलों ग्राम तक पहुंच गया है.

हम लोगों द्वारा पौष्टिक आहार का वितरण के साथ साथ सभी निश्चय मित्रो का फॉलो अप भी किया जाता है. क्योंकि हम सभी अपनी जिम्मेवारियों को बखूवी निभाना जानते हैं. मालूम हो कि विगत दो वर्षों से संस्था द्वारा यक्ष्मा के मरीजों को गोद लेकर पोषण पोटली का वितरण किया जाता है. टीबी जागरूकता को लेकर टीबी चैंपियन रजनी के द्वारा स्वरचित कविता का पाठ किया गया. मौके पर प्राप्त विंग कमांडर सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ विश्वनाथ प्रसाद सिंह (डॉ बीएनपी सिंह), प्रो डॉ पृथ्वीराज सिंह, संस्था की संस्थापिका डॉ अंजू सिंह और यक्ष्मा विभाग की ओर से वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक मुकेश कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमरेंद्र प्रसाद सिंहा, प्रीति शाही, मणी शाही, कविता पटेल, रजनी गुप्ता, सुमन सिंह सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे.

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