SITAMARHI DESK – भारत में कोई भी विदेशी नागरिक आकर हमारे देश की सारी सुविधाओं का लाभ आसानी से उठा लेता है. यहां के स्थानीय लोगों का आधार कार्ड, वोटर आईडी और पैन कार्ड बने ना बने लेकिन विदेशी बाबुओं की पॉकेट गर्म कर सारी सुविधाएं आसानी से प्राप्त कर लेते हैं. ऐसा ही एक मामला बिहार के सीतामढ़ी से सामने आया है, जहां ठाट-बाट से रह रहे एक मुखियाजी की जब पोल खुली तो पंचायत से लेकर चुनाव आयोग की नींद उड़ गई. क्योंकि वह भारतीय मूल के है ही नहीं. दरअसल, सिस्टम की लापरवाही का फायदा उठाकर कोई विदेशी अवैध रूप से आसानी से भारत का नागरिक बन जाता है, तो कोई बिहार में चुनाव भी जीत जाता है.
हम बात कर रहे हैं सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा प्रखंड अंतर्गत भलुआहा पंचायत के मुखिया बिल्टु राय उर्फ बिलट राय उर्फ बिलट प्रसाद यादव की. जो नेपाल के नागरिक होने के बाद भी बिहार के सीतामढ़ी जिले में मुखिया के चुनाव में भाग लेकर निर्वाचित भी हो गया. अब उसे मुखिया पद के अयोग्य घोषित कर दिया गया है. इस तथ्य को छुपाकर चुनाव में हिस्सा लेना महंगा पड़ा है. इसकी शिकायत मिलने पर सुनवाई के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने बिल्टु राय को मुखिया पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है. साथ ही तथ्यों को छुपाने, नेपाल का नागरिक होकर भारत में होने वाले चुनाव में हिस्सा लेने के साथ गलत शपथ-पत्र समर्पित करने के आरोप में बिल्टु राय के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए डीएम को अधिकृत किया गया है.
क्या है यह पूरा मामला
बताया गया है कि सोनबरसा प्रखंड के परसा खुर्द के मुकेश कुमार साह ने राज्य निर्वाचन आयोग के यहां एक वाद संख्या- 19/2023 दायर कर शिकायत की थी कि लरकावा गांव के बिल्दु राय भलुआहा पंचायत के मुखिया है, जो मूल रूप से नेपाल राष्ट्र के निवासी है. मुकेश ने मुखिया राय के कपिलवासी नगरपालिका (नेपाल) के स्थाई निवासी होने का सबूत के साथ दावा किया था और बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा- 135 एवं 136(2) के तहत नेपाली नागरिक के आरोप में राय को मुखिया पद से हटाने की मांग की थी.
वादी प्रतिवादी के साथ जिला प्रशासन का पक्ष सुनकर आयोग की ओर से फैसला सुनाया गया है, जिसमें बिल्टु राय को मुखिया की कुर्सी से हटा दिया गया है. हालांकि सभी पक्षों की बातों को सुनने के बाद आयोग ने पाया कि संवीक्षा की तिथि तक श्री राय भारतीय नागरिक नही थे. तथ्यों को छुपाकर, गलत शपथ के आधार पर चुनाव में भाग लेना और मुखिया पद पर निर्वाचित होना गैर-विधिक के साथ गैर-कानूनी भी है आयोग ने उक्त सारे तथ्यों के आधार पर बिल्टु राय को मुखिया पद के आयोग्य घोषित कर दिया है. जारी आदेश में कहा गया है कि इस मामले में डीएम के स्तर से राय के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी.