एंबुलेंस में मरीज मरे तो मरे, डीएम भी जाम में रहे फंसे लेकिन विधायक व मुखिया यातायात नियम तोड़ यातायात पुलिस की बढ़ाएंगे परेशानी, यही है छपरा की कहानी

एंबुलेंस में मरीज मरे तो मरे, डीएम भी जाम में रहे फंसे लेकिन विधायक व मुखिया यातायात नियम तोड़ यातायात पुलिस की बढ़ाएंगे परेशानी, यही है छपरा की कहानी

CHHAPRA DESK- एंबुलेंस में मरीज मरे तो मरे, डीएम भी जाम में रहे फंसे लेकिन विधायक व मुखिया यातायात नियम तोड़ यातायात पुलिस की परेशानी बढ़ाएंगे. भले ही वह नेता भाजपा के हो, जदयू के हो य फिर राजद के हों, यातायात पुलिस की परेशानी बढ़ाएंगे.

अगर किसी भाजपा नेता के गाड़ी पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो लगा है तब तझ धंंस भी उतना ही रहेगा. पुलिस भी डरती है और उन्हें सड़क पर पहले पास दे दिया जाता है. भले ही एंबुलेंस में मरीज तड्प रहा हो. पूरा छपरा शहर शुक्रवार को जाम से कराहता रहा. शहर के ब्रहमपुर पुल से लेकर गांधी चौक तक सभी सड़क जाम से कराहते मिले. ऐसा नहीं था कि भीड़भाड़ वाली जगहों पर पुलिस नहीं थी.

पुलिस भी थी. लेकिन, यहां लोग मानने वाले कहां है. ऊपर से नेता की गाड़ी. सदर अस्पताल से पहले दरोगा राय से कुछ दूरी पर एक नहीं दो-दो एंबुलेंस फंसे रहे. लेकिन एंबुलेंस के सायरन की आवाज ना तो यहां पुलिस को समझ आती है और ना ही पब्लिक को. खास बात यह है कि यहां सड़क किनारे वाहन खड़ी करने और ओवरटेक करते हुए वाहनो को एक साइड से पूरी तरह जाम करने में लोगों को शर्म भी नहीं आती है. फिर लोग पुलिस को कोसते हैं कि शहर में जाम लग गया है.

शुक्रवार को छपरा शहर की स्थिति भयंकर जाम के कारण ऐसी हो गई कि मुख्य सड़क से लेकर गली-कुची तक में वाहन जाम में फंसे रहे. गनीमत रहा कि चौक-चौराहों पर पुलिस बल मौजूद रहे नहीं तो यह जाम दिन भर में भी साफ नहीं हो पाता और फिर एक बार एंबुलेंस में मरीज की मौत होती.

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