CHHAPRA DESK- सारण जिलाधिकारी राजेश मीणा के निर्देश पर कड़ाके की ठंड एवं शीतलहर के प्रभाव को देखते हुए जिले के सभी अंचलों में आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा प्रमुख चौक चौराहों एवं महत्वपूर्ण स्थलों पर आम जनों के लिए अलाव की व्यवस्था की गयी है. जिससे गरीब एवं निसहाय व्यक्तियों को शीतलहर से बचाव में मदद मिल रही है. इसके अलावे सभी अंचलाधिकारी को सार्वजनिक स्थानों पर लगातार अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है. अलाव की व्यवस्था हेतु सभी अंचलाधिकारी को पर्याप्त आवंटन उपलब्ध करवा दिया गया है.
विभिन्न चौक-चौराहों, बाजारों, रैन बसेरा, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, अस्पताल सहित भीड़-भाड़ वाले स्थलों पर अलाव जलाया जा रहा है. सभी अंचल अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र अंतर्गत मुख्य स्थानों पर नियमित तौर पर अलाव की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. ताकि ठंड के कारण किसी को कोई समस्या ना हो. जिलाधिकारी महोदय के द्वारा सभी अंचलाधिकारीयों को आवश्यकता अनुसार अलाव की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों एवं प्रखंडो के वरीय अधिकारियों को इसका अनुश्रवण करने का निर्देश दिया है. जिलाधिकारी के निर्देश के आलोक में सामाजिक सुरक्षा कोषांग सारण के द्वारा उपलब्ध कराए गए कंबल को अनुमंडल पदाधिकारी के माध्यम से प्रभावित गरीबों, रिक्शा चालकों, दैनिक मजदूरों, निसहाय व्यक्तियों एवं ऐसे सदृश्य श्रेणी के बीच वितरण करवाया जा रहा है.
जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि ठंड की व्यापकता और तीक्ष्णता दिसम्बर एवं जनवरी के बीच बढ़ जाती है एवं भयावह शीतलहर, पाला के वजह से तापमान में काफी गिरावट आने के कारण गरीब एवं निःसहाय व्यक्तियों की सुरक्षा एवं बचाव की आवश्यकता है. इससे बचाव हेतु समय पर परामर्श एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग के समन्वय से शीत लहरों की पूर्व चेतावनी से जान-माल के संभावित नुकसान या क्षति को कम करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा समाचार पत्रों अथवा अन्य माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार किया जाता रहा है. ताकि आम जनमानस की सुरक्षा हो सके. उन्होंने कहा कि जान-माल की क्षति को कम करने के उद्देश्य से और शीत लहर से संबंधित बीमारियों को रोकथाम एवं चिकित्सा की समुचित व्यवस्था हेतु स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित कर दिया गया है. पाला का असर कृषि पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है, जिससे फसल की क्षति होती है. इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावे पशुओं की सुरक्षा भी हमारी प्राथमिकता है. इसके लिए जिला पशुपालन पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है.
रैन बसेरों, अस्थायी शरण स्थलों, शहरी क्षेत्र में रिक्शा चालकों, दैनिक मजदूरों, असहायों, आवास विहिनों एवं सदृश्य ऐसे गरीब, निःसहाय व्यक्तियों के रहने हेतु रैन बसेरे उपलब्ध ना हो तो वहाँ जिला आपदा प्रबंधन शाखा में उपलब्ध पॉलिथिन सिट्स, टेण्ट, का उपयोग कर आवश्यकतानुसार अस्थायी शरण स्थली बनाने हेतु निर्देशित किया गया. रैन बसेरा एवं अस्थायी शरण स्थलों में पर्याप्त संख्या में कम्बल की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. शरण स्थली की जानकारी हेतु संबंधित पदाधिकारी को इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया गया है. ताकि जन सामान्य को इसकी पूर्ण जानकारी मिल सक एवं वे सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गई व्यस्था का पूरा लाभ उठा सके.
इसकी व्यवस्था का मोनिटरिंग, निगरानी की एवं रख-रखाव स्थानीय नगर निकायों के माध्यम से की जाएगी. जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि अस्थायी रैन बसेरा तैयार करने हेतु संबंधित नगर आयुक्त, छपरा नगर निगम एवं कार्यापालक पदाधिकारी, सभी नगर पंचायत, सारण छपरा आवश्यक्तानुसार जिला आपदा प्रबंधन भंडार में भंडारित पॉलिथिन सिट्स की अधियाचना कर प्राप्त करेंगे. अभी तक जिन प्रखंडों में अलाव की व्यवस्था की गयी है, उसमे मसरख के 08 स्थल, पानापुर के 04 स्थल, तरैया के 03 स्थल, इसुआपुर में 03, बनियापुर में 17, लहलादपुर में 05, माँझी में 04, जलालपुर में 04, रिविलगंज में 05, नगरा में 02, अमनौर में 08, परसा में 04, दरियापुर में 10, गड़खा में 03, दिघवारा में 04 एवं सोनपुर प्रखंड के 11 स्थलों पर अलाव की व्यवस्था की गयी है. अभी तक जिलें के 106 स्थलों पर अलाव की समुचित व्यवस्था की गयी है. इसके अलावे नगर निगम छपरा एवं नगर पंचायतों में भी अलाव हेतु निर्देशित किया गया है.
अलाव के संबंध में जिलाधिकारी के द्वारा निर्देशित किया गया कि ऐसे स्थानों पर जलाना है,जहाँ धर्मशालायें, अस्पताल परिसर, रैन बसेरों, मुसाफिर खाना, रिक्शा, टमटम पड़ाव एवं चौराहा, रेल, बस स्टेशनों, अन्य सार्वजनिक स्थानों एवं जहाँ अधिक से अधिक निर्धन एवं असहाय लोग निवास करते है. अलाव के लिए वरीय पदाधिकारी यथा अपर समाहर्त्ता, आपदा प्रबंधन के नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण में अलाव व्यवस्था हेतु श्री गंगा कान्त ठाकुर, प्रभारी पदाधिकारी, जिला आपदा प्रबंधन शाखा, सारण छपरा को नामित किया गया है. उन्हें निर्देशित किया गया है कि वें अलाव जलाने वाले स्थलों का समय-समय पर संबंधित नगर उपायुक्त, छपरा नगर निगम एवं कार्यपालक पदाधिकारी, सभी नगर पंचायत तथा सभी अंचल अधिकारी, सारण अपने क्षेत्रान्तर्गत निरीक्षण एवं सघन अनुश्रवण करेंगे. प्रखंड के वरीय प्रभारी पदाधिकारी समय-समय पर घूम-घूम कर अलावों के जलने का निरीक्षण करेंगे.