CHHAPRA DESK – प्रशासनिक उपेक्षा और राजनेताओं की इच्छाशक्ति की कमी के कारण डुमरी जुअरा स्टेशन से धनौरा बाजार होते हुए मुसेपुर बंगला एन एच-19 मुख्यमार्ग तक जाने वाली सड़क जानलेवा हो गई है. मीरपुर जुअरा, मानूपुर,डुमरी, टिकुलिया टोला, शनिचरा टोला, रसूलपुर, सिंगही, कोठियां, नारांव धनौरा, कसीना, हेमतपुर, मुसेपुर, बलुआ, मौजमपुर आदि दर्जनों गांवों को जोड़ने वाली इस सड़क से प्रतिदिन हजारों लोग सफर करते है.
दिन रात वाहनों की आवाजाही लगी रहती है फिर भी किसी को इसकी सुध लेने की फुर्सत नहीं हैं. सड़क को देखकर पता नही चलता कि गड्ढें में सड़क है या सड़क में गड्ढे है. सड़क में जगह जगह बने गड्ढें व उबड़ खाबड़ सड़क इसकी जर्जरता बयां करती है. यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती है और लोग घायल होते है. कमाल है कि जिम्मेदारों को यह सब दिखाई नहीं देता है. यह सड़क इतनी जर्जर है कि यहां गाड़ियां तो दूर पैदल चलना भी मुश्किलों से भरा है.
इसके चलते इस मार्ग से अक्सर हादसे भी होते रहते है, रोजाना स्कूली बच्चें गिरकर जख्मी होते है. इधर बरसात के दिनों में तो सड़क की हालत और भी नारकीय हो गई है. जगह जगह टूटी सड़क कई जगह तो पूरी तरह कीचड़मय हो गई है. इतनी खस्ताहाल है कि चार पहिया वाहन यहां से निकलने में अब परहेज करते है क्योंकि गाडियां सड़क पर धंस जाती है. पता नही कब हादसा हो जाए. ऐसा नहीं है कि क्षेत्र के लोगों ने इस सड़क के पुनर्निर्माण की मांग जोर शोर से नहीं की, लेकिन उनकी आवाज सुननेवाला शायद कोई नही है.
इसलिए सोमवार के दर्जनों गाँव से आये सकड़ो ग्रामीणों ने स्थानीय सांसद के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए “रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ लोकसभा चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. बता दें कि राहगीरों की रूह कंपा देने वाली इस उपेक्षित सड़क की दयनीय स्थिति को लेकर स्थानीय सांसद, विधायक व प्रशासन ने अभी तक आश्वासन के सिवा कुछ नहीं किया है. प्रदर्शन कर रहे पूर्व पैक्स अध्यक्ष अशोक सिंह, सरपंच आदित्य राज दीक्षित, शशि भूषण सिंह, बी डी सी कृष्णा राय, झमन राय, राजेश कुमार, पूर्व उपमुखिया उमाशंकर यादव, वार्ड सदस्य योगेंद्र राय,
हरेराम सिंह, सोनू कुमार मांझी, मनोरंजन सिंह, धूपेंद्र सिंह, निक्की कुमार सिंह, धर्मनाथ सिंह, अरुण सिंह, उमेश सिंह, पवन सिंह,पिंटू सिंह, श्यामकिशोर सिंह, महेश सिंह, संजय राय, आदित्य राय, भूपेंद्र राय, मंजेश मांझी, सुमन कुमार, अभिषेक कुमार, हश्मुद्धिन अंसारी, जावेद हसन, बबिता देवी आदि महिला सहित सैकड़ो लोगों ने बताया कि यह सड़क करीब दो दर्जन गाँवों को सीधे डुमरी जुअरा स्टेशन से लेकर एन एच- 19 मुख्यमार्ग सहित प्रखंड मुख्यालय को जोड़ता है.
जिनमें तीन थाना क्षेत्र के गाँव है. यह सड़क तीन वर्षों से लगातार इसी जर्ज़र स्थिति में हैं. आक्रोशित लोंगो ने पुलिस प्रशासन का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि स्थानीय थाना ने उक्त मार्ग से अवैध बालू कारोबारियों से मिलीभगत करके ओवरलोड ट्रैक्टर परिचालन कर सड़क को पूरी तरह गड्ढों में तब्दील कर दी है. सड़क पर चलने वाले राहगीर वाहन चालक, साइकिल, मोटरसाइकिल सवार रोज गिरकर चोटिल घायल हो रहे है. 5 किलोमीटर की सडक पैदल चलने लायक भी नहीं बची है.
क्षेत्र की जनता दर्जनों बार क्षेत्र के विधायक और सांसद से इस सडक को बनाने के लिए माँग कर चुके है लेकिन क्षेत्रीय सांसद की उदासीनाता के चलते इस जर्ज़र और गड्ढे युक्त सडक में फँसकर जनता धक्के खा रही है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर इस बार सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी एक सप्ताह में क्षेत्र भ्रमण कर सड़क का जायजा लेने नहीं आएंगे तो गड़खा क्षेत्र के हजारों जनता उनके खिलाफ अनिश्चितकालीन धारणा पर बैठेंगे. वही ग्रामीण क्षेत्र विकास योजना के सहायक अभियंता विधा भूषण मित्रा से पूछे जाने पर कहा कि सड़क का डी पी आर बनकर चला गया है शीघ्र ही टेंडर कर सड़क निर्माण करवाया जाएगा.